बिहार की धरती प्राचीनता और आध्यात्मिकता से भरी हुई है, और यहां समय-समय पर अद्भुत घटनाएं होती रहती हैं जो लोगों को आश्चर्यचकित करती हैं. ऐसी ही एक अनूठी घटना बिहार के भेड़वनिया गांव में हुई थी, जहां से करीब 26 साल पहले एक पेड़ की कटाई के दौरान भगवान विष्णु का प्रतिमा प्रकट हुई थी. जब पेड़ की कटाई चल रही थी, तब उसके जड़ के नीचे भगवान विष्णु की एक बड़ी मूर्ति मिली. इस अद्वितीय घटना ने लोगों को हेरत में डाल दिया. उन्होंने तत्काल स्थानीय प्रशासन को सूचित किया, और सहयोग से मंदिर की नींव रखी. ग्रामीणों की भक्ति ने इसे एक पवित्र स्थल बना दिया, और उससे जुड़ी अनगिनत कथाएं आज भी लोगों के बीच प्रचलित हैं.

दो हजार साल पुराना है भगवान विष्णु की मूर्ति
भगवान विष्णु के मूर्ति की जांच के बाद पता चला कि यह मूर्ति दो हजार साल पुरानी है और इसे गुप्तकाल के जमाने का माना जा रहा है. यह काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी हुई है, जो इसकी विशेषता को और बढ़ाता है. इस मूर्ति की लंबाई 7.5 फीट है और चौड़ाई 3.5 फीट है, जिससे यह उत्तर भारत में विष्णु भगवान की सबसे बड़ी मूर्ति हो सकती है. पटना से बुलाई गई टीम ने इस मूर्ति के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों की जांच की और इसे एक प्रमुख आस्था माना गया है. मंदिर की स्थापना भी इस मूर्ति के आस-पास की गई है, जिससे यह स्थल भगवान विष्णु की आराधना के लिए महत्वपूर्ण हो गया है.
मंदिर बनवाकर मूर्ति को विधिवत कर दिया गया स्थापित
पेड़ की कटाई के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति का सामना होना और उसी स्थान पर ग्रामीणों द्वारा मंदिर बनाना एक अद्भुत घटना है. ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विष्णुधाम मंदिर की स्थापना की, जिससे वहां भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित कर दिया गया. कई जगहों से लोग यहां आते हैं और भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे यह स्थान विष्णुधाम के नाम से मशहूर हो गया है.
.