हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त जी सभी प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने का कार्य करते हैं, इसलिए उनका मुख्य कार्य लेखनी से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है कि इस दिन चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर कलम या लेखनी का पूजन किया जाता है।
चित्रगुप्त पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं आज शहर के छाता चौक स्थित चित्रगुप्त एसोसिएशन द्वारा वार्षिक महोत्सव के रूप में भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गई। जिसमें शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। पूरे विधि विधान से पूजा के बाद लोगों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। साथ ही 16 नवंबर गुरूवार को महाभोज का आयोजन किया गया है। चित्रगुप्त एसोसिएशन द्वारा 1930 से लेकर आज तक ये पूजा होती आ रही है।

मौके पर पूजा प्रभारी प्रो० अजय कुमार श्रीवास्तव,संयोजक सत्येन्द्र कुमार पिंकू, कोषाध्यक्ष राकेश चन्द्र सम्राट,उप संयोजक आलोक कुमार, सदस्य राजेश कुमार सिन्हा, अमित प्रकाश, संतोष कुमार,भारत भूषण, अध्यक्ष राज कुमार,महामंत्री डॉ० अजय नारायण सिन्हा आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

