जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद जिले के घोसी प्रखंड के मोहिउद्दीनपुर गांव में लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली तो हेलिकॉप्टर गांव के ऊपर सात फेरे लगाकर वापस हो गया. दरअसल मोहिउद्दीनपुर गांव के रहने वाले रामानंद दास ने अपने डॉक्टर बेटी मेघा रानी की शादी जमशेदपुर के रहने वाले डॉक्टर विवेक कुमार से तय की थी. सोमवार को बोधगया में धूमधाम से शादी हुई. शादी समारोह के बाद दूल्हा-दुल्हन समेत पूरा परिवार मोहिउद्दीनपुर गांव चले आए. मंगलवार को हेलिकॉप्टर से बेटी की विदाई की जानी थी.
दरअसल डॉक्टर मेघा रानी के पिता ने बेटी की शादी के लिए आठ लाख रुपए में हेलिकॉप्टर बुक किया था और गांव में हेलीपैड भी बनवा लिया था. लेकिन, अंतिम समय तक जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. पिता की तमन्ना थी कि बेटी डॉक्टर बन जाएगी तो उसकी शादी करेंगे और गांव से हेलिकॉप्टर से उसकी विदाई करेंगे. लेकिन, हेलिकॉप्टर लैंड नहीं करने की अनुमति नहीं मिलने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया.
जब दहाड़ मारकर रोने लगे पिता
जानकारी के अनुसार दुल्हन के पिता रामानंद दास ने गांव में हेलीपैड भी बनाया था. लेकिन सुबह उन्हें पता चला कि हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति प्रशासन से नहीं मिली है. यह सुनते ही रामानंद दास और उनके परिवार के होश उड़ गए. गांव के लोग और रिश्तेदार हेलिकॉप्टर से बेटी की विदाई देखने के लिए जमा थे. फिर आनन-फानन में प्रोग्राम बदला गया और गया एयरपोर्ट से किराए के हेलिकॉप्टर से डॉक्टर बेटी की विदाई तय की गई. सभी लोग गया एयरपोर्ट पहुंचे. इधर गया एयरपोर्ट अथॉरिटी ने नियमों का हवाला देते हुए सिर्फ दूल्हा-दुल्हन को अंदर जाने दिया. परिवार के अन्य सभी सदस्य को गेट पर ही रोक दिया गया. डॉक्टर बेटी की मां-बाप को भी नहीं जाने दिया गया. इससे पिता रामानंद दास बिफर गए और दहाड़ मारकर रोने लगे.
अधूरी रह गई पिता की इच्छा
रामानंद दास ने बताया कि बेटी डॉक्टर बनी तो उस समय हमने कहा था कि इसकी धूमधाम से शादी करेंगे और अपने गांव से हेलिकॉप्टर से विदाई करेंगे. इसके लिए पत्नी के रिटायरमेंट का सारा पैसा खर्च कर दिए. लेकिन, जहानाबाद प्रशासन ने लैंडिंग की अनुमति नहीं दी. रामानंद दास ने कहा कि दलित होने की वजह से उन्हें हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई.