महीनाभर चलने वाला सोनपुर मेला मात्र सात दिनों में ही ठप, जानें मामला

विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला ठप हो गया। स्थानीय लोग और थिएटर संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है। साथ ही मेला के सभी दुकान और स्टॉल भी बंद करवा दिए गए हैं। इनका आरोप है कि एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अब तक सारण जिला प्रशासन की ओर से थिएटर और मौत का कुआं का लाइसेंस नहीं दिया गया है। बताया जा है कि सोनपुर मेले के उद्घाटन सप्ताह भर पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था। एक सप्ताह बीत जाने के बाद सोनपुर मेला के थिएटर झुलुआ मौत का कुआं सहित तमाम चीजों का लाइसेंस सारण जिला प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया। इसके बाद स्थानीय लोग एवं थिएटर संचालक ने एक बैठक कर मेले को अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है।

बिहार के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक सोनपुर मेला, आज से शुरू

लाखों रुपए का नुकसान का सामना करना पड़ रहा
इधर, अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद पूरी तरीके से मेला क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया है। दूर-दूर से आए व्यवसाईयों को हर दिन लगभग लाखों रुपए का नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सोनपुर मेले में इस बार पांच थिएटर लगाए गए हैं। इसमें 500 से ज्यादा कि संख्या में डांसर भी इस थिएटर में अपना प्रोग्राम देने के लिए आई हुई है। लेकिन, एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी थिएटर को लाइसेंस नहीं मिलने के कारण सभी व्यवसायी के चेहरे पर अब उदासी छा गई है। सोनपुर मेला का उद्घाटन 25 नवंबर को किया गया था।

विधायक ने तेजस्वी के सामने ही लगाया था यह आरोप
दरअसल, सोनपुर के विधायक RJD राम अनुज राय ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने उद्घाटन के समय उठाया था। विधायक ने मंच यह आरोप लगाया था कि सोनपुर मेले को समाप्त करने की साजिश चल रही है। इसपर अब सोनपुर के आम लोगों और व्यवसाइयों ने मुहर लगा दी है।

सोनपुर मेला या पशु मेला । बिहार पर्यटन

पांच थिएटर में 500 से ज्यादा लड़कियां आई
सोनपुर मेले में लगने वाले थिएटर का एक अपना अलग इतिहास है। एक जमाने से हाथी घोड़े खरीदने मुगल बादशाह से लेकर वीर कुंवर सिंह तक सोनपुर मेला पहुंचते थे। मेले में आए राजा महाराजाओं की मनोरंजन के लिए नाच गाने ड्रामा का प्रोग्राम होता था जो बाद में चलकर के रूप थिएटर का रूप ले लिया था। इस बार सोनपुर मेले में पांच थिएटर में 500 से ज्यादा लड़कियां आई हैं। थिएटर के कारण रात में मेला सजता भी था। भारी संख्या में लोग मेले में पहुंचते थे और मेले में भीड़ होती थी। इससे वहां मौजूद स्थानीय दुकानदार एवं बाहर से आए हुए व्यवसायियों की दुकान अच्छी चलती थी।

सरकार सोनपुर मेला के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है?
कार्तिक पूर्णिमा से ही सोनपुर से 7 किलोमीटर दूर सभी गाड़ियों को रोक दिया जा रहा है। इस कारण से मेले में पहुंचने वाले लोग काफी कम पहुंच रहे हैं। गंगा स्नान के समय से विभिन्न चौक चौराहे पर बैरिकेडिंग कर दिया गया है। इससे सोनपुर को लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि मलमास मेला को पहले दिन से ही थिएटर सहित तमाम चीजों का लाइसेंस दे दिया गया लेकिन सोनपुर मेला को क्यों नहीं दिया गया। सरकार सोनपुर मेला के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है?

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading