बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस बयान पर सियासत तेज हो गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार बनी तो सबको पीने के लिए फ्री छोड़ देंगे। इस पर कांग्रेस पार्टी ने मांझी का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है। राजद और जेडीयू ने भी मांझी पर ताबड़तोड़ हमला किया है।

जीतन राम मांझी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति में बहुत सारी खामियां हैं। इससे दलित समाज को बहुत कष्ट झेलना पड़ रहा है। उनके विरोध में दिल्ली में 5 तारीख को धरना देंगे। वहां हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा जिसमें हम सभी कहेंगे- नीतीश कुमार स्वाहा, नीतीश कुमार स्वाहा। फिर महात्मा गांधी के चरणों में प्रणाम कर लेंगे।
मांझी के इस बयान पर बिहार का पॉलिटिकल पारा हाई हो गया है । महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जदयू के प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि मांझी जी बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इतने सीनियर लीडर हैं और शराब बंदी खत्म करने की बात कर रहे हैं। यह उन्हें शोभा नहीं देता। उन्हें याद नहीं है कि जिस जाति से आते हैं उस समाज को शराब की वजह से कितना नुकसान हुआ है। शराबबंदी से उनका समाज प्रगति कर रहा है तो उन्हें दिक्कत हो रही है। दूसरी और कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने जीतन राम मांझी का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा है कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि मांझी जैसे लोग भी सपना देखते हैं कि उनकी सरकार बनेगी। दिल बहलाने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है। ना उनकी किसी दिन सरकार आएगी और ना बिहार में शराबबंदी समाप्त होगी।

आरजेडीके प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि शराबबंदी की सफलता से भाजपा हाय तौबा मचा रही है। उसमें जीतन मांझी भी साझेदार बन गए हैं। उन्हें याद होना चाहिए कि उन्होंने भी शराबबंदी की शपथ ली थी। कहा था कि शराब बंदी से सबसे अधिक फायदा दलितों को होगा। तो अब किस मुंह से शराबबंदी वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इधर भाजपा प्रवक्ता रामसागर सिंह ने इशारों में मांझी के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह की शराबबंदी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार ने बिहार में लागू रख कर रखा है उसमें लाखों गरीब जेल के अंदर हैं और शराब माफिया बाहर कारोबार कर रहे हैं।