बिहार के लिए सोनपुर मेला सिर्फ एक मेला ही नहीं बल्कि बिहार और भारत की महान सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी है। हर वर्ष सोनपुर मेला दो नदियों गंगा और गंडक के संगम पर आयोजित किया जाता है।
हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले में उमड़ी भीड़ ने इस वर्ष मेले के आकर्षण का एक नया इतिहास रच दिया। जहां लोग जमकर खरीद-बिक्री कर रहे हैं जिससे की दुकानदारों में खुशी का माहौल हैं। भारी संख्या में दर्शकों का आवागमन भी जारी हैं।
सोनपुर मेले में हर प्रकार के खेल आयोजित किए गए हैं। जिसमें टावर झूला, बुल डांस, मेरी कोलंबस, ड्रैगन ज्वाइंट व्हील ब्रेक डांस झूला, जैसे कई विभिन्न प्रकार के झूलों का बच्चों ने आनंद लिया वहीं महिलाओं ने घरेलू सामानों की खरीदारी की और खाने-पीने की दुकानों पर भी भीड़ देखने को मिली। झूला परिसर युवाओं में खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शिल्पकला के अनूठेपन से रूबरू होने के साथ-साथ हर वर्ग के लोग झूलों का आनंद लेने में पीछे नहीं हट रहे हैं।

