पटनाः मिशन 2024 के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बनारस के रोहनिया में बड़ी सभा करने वाले हैं. जदयू की तरफ से तैयारी भी शुरू है. उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के कैमूर, रोहतास और बक्सर के नेताओं को विशेष रूप से जिम्मेवारी दी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बनारस में होने वाले कार्यक्रम को लेकर मंत्री जमा खान ने बड़ा दावा किया है. मंत्री ने कहा कि हमलोग बनारस में 2024 के लिए बिगुल बजाने जा रहे हैं, इसलिए बीजेपी वालों को ठंड में पसीना छूट रहा है.

नीतीश कुमार 2024 मिशन के लिए तैयार
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में नीतीश कुमार के 2024 मिशन की शुरुआत करने पर सफाई देते हुए मंत्री जमा खान का कहना है कि बनारस इसलिए चुना गया, क्योंकि वह ऐसा स्थल है देश में जो भी धर्म के मानने वाले लोग हैं, उनकी आस्था बनारस से जुड़ी हुई है. एक तरफ अजान होती है तो दूसरी तरफ घंटा बजता है. मंदिर मस्जिद सब अगल-बगल में है, पूरे सौहार्द का वातावरण है.
‘BJP वालों को ठंड में भी पसीना आ रहा है’
निकल जाएगी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है इसलिए सवाल उठ रहा है इस पर जमा खान ने कहा कि इसी को लेकर बीजेपी को ठंड में भी पसीना आ रहा है. हमारे नेता इसलिए वहां जा रहे हैं क्योंकि वहां के लोगों की चाहत थी, वहां के लोग लगातार मुख्यमंत्री को बुला रहे थे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से यह भी साबित करना है कि परिवर्तन की लहर बढ़ी है और लहर जब बनेगी, तो वहीं से सीधे दिल्ली निकल जाएगी.

‘बनारस में हम लोग बिगुल बजा देंगे’
उत्तर प्रदेश में कई जगह से लोग चाह रहे हैं नीतीश कुमार चुनाव लड़ें, इस पर जमा खान का कहना है कि देश के कई जगह से लोग चाह रहे हैं हमारे नेता ने ऐसा काम ही किया है, लेकिन वह तो नेता का निर्णय होगा. नीतीश कुमार बनारस से पीएम पद की दावेदारी करेंगे, इस पर जमा खान का कहना है कि यह तो देश बताएगा, देश के लोगों की चाहत है कि वहां पहुंचे और दिल्ली में बैठे. जमा खान ने कहा कि बनारस में हम लोग बिगुल बजा देंगे.
कुर्मी और मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश
जमा खान कैमूर के चैनपुर विधानसभा से विधायक हैं, ऐसे तो बसपा से चुनाव जीते थे, लेकिन नीतीश कुमार ने जदयू में शामिल कर उन्हें मंत्री पद दिया है, जो बनारस की सभा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लगातार उत्तर प्रदेश में कैंप भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की जहां सभा होने वाली है वहां कुर्मी वोटरों के अलावा मुस्लिम वोटर भी बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें वोट में तब्दील करने की कवायद शुरू हो गई है.