सत्तारूढ़ दल राजद और जदयू ने सरकार की उपलब्धियों का महिलाओं के बीच प्रचार-प्रसार के लिए महिला जिला अध्यक्ष तो नियुक्त कर दिया, मगर दोनों दलों की महिला इकाई की गतिविधियां धरातल पर शून्य हैं। संगठन की मजबूती को देखने और परखने के लिए राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रीतू जायसवाल 27 तारीख को भागलपुर आ रही हैं। इधर, कांग्रेस ने महिलाओं के बीच अपनी घुसपैठ के लिए नई जिला अध्यक्ष चांदनी कुमारी को नियुक्त किया है।

वैसे, चांदनी पार्टी में लाइमलाइट में नहीं थीं, बावजूद कांग्रेस ने कोमल सृष्टि को हटाकर इन्हें अध्यक्ष बनाया है। चांदनी के अध्यक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस नेताओं का कहना है, महिलाओं के बीच रहने वाली कार्यकर्ता पर पार्टी ने भरोसा कर जिम्मेदारी सौंपी है। आगामी चुनाव में इसका जरूर फायदा होगा। राजद ने सुल्तानगंज निवासी आशा जायसवाल को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। नियुक्ति के बाद एक बार दल के लोगों के साथ बैठक हुई। उसके बाद से उनकी गतिविधियां कुछ भी नहीं रही। हालांकि इन्हें अध्यक्ष बनाए जाते ही विवाद शुरू हो गया।

‘फोन पर अभद्र व्यवहार किया’
शाहकुंड की एक महिला कार्यकर्ता ने प्रदेश इकाई को शिकायत की कि जिलाध्यक्ष के प्रतिनिधि ने उनके साथ फोन पर अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद प्रदेश इकाई ने राजद जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद यादव को इस मामले की जांच कराने की जिम्मेदारी दी। राजद जिलाध्यक्ष ने डॉ. आनंद आजाद के संयोजन में मेराज, गौतम बनर्जी, पूजा गांधी तथा नुसरत परवीन की एक कमेटी बना दी। जिसकी अभी जांच चल रही है।

जिले की कमेटी का ही गठन नहीं हुआ
वहीं, दूसरी तरफ संगठन में धार देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष रीतू जायसवाल भागलपुर आ रही हैं। आशा जायसवाल को अध्यक्ष नियुक्त हुए पांच माह हो चुके हैं। अभी तक जिले की कमेटी तक का गठन तक नहीं हुआ है। कुछ इसी तरह जदयू महिला जिलाध्यक्ष सोनी कुमारी को बनाया है। कहलगांव से जिला परिषद सदस्य हैं, उनकी पार्टी स्तर पर गतिविधियां शून्य हैं। उन्होंने भी कमेटी का विस्तार नहीं किया है। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने भी एक बैठक तक नहीं की। सूचना है, जदयू जिला अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व से इनकी गतिविधियों को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
