बिहार : ओमिक्रोन के सब वैरिएंट जेएन-1 को लेकर प्रदेश में और सख्ती बढ़ेगी। स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि अस्पताल आने वाले सभी बुखार, खांसी और सांस संबंधी बीमारियों जैसे आइएलआइ (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) और एसएआरआइ (सिवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन) के रोगियों की अनिवार्य रूप से कोविड जांच कराई जाएगी। यदि जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो ऐसे हालात में जिनोम सिक्वेंसिंग भी होगी। प्रदेश में कोविड के तीन नए पाजिटिव मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नए सिरे से सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षक के साथ ही आरएमआरआइ, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और एम्स पटना के अलावा सभी सिविल सर्जनों को कोविड की नई गाइडलाइन भेजी है।

कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश
संबंधित अधिकारियों को कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जिलों को यह गइडलाइन भेजी गई है। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि जिलों में कोविड की जांच विशेषकर आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जाए। आइएलआइ और एसएआरआइ के मामलों की रिपोर्ट समेकित स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म (आइएचआइपी) पोर्टल पर अपलोड की जाए। अस्पतालों में सामान्य, ऑक्सीजन तथा आइसीयू बेड की कार्यशीलता के साथ-साथ दवा, डाक्टर, ऑक्सीजन उपकरणों, रिएजेंट की उपलब्धता की समीक्षा के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग ने दिए हैं।
कोविड बिहार पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश
इसके अलावा सभी अस्पतालों में मास्क का उपयोग और सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। सिविल सर्जनों को हिदायत दी गई है कि वे निजी और सरकारी लैब में होने वाली कोविड जांच की थोड़े-थोड़े अंतराल पर समीक्षा करें और इसे कोविड बिहार पोर्टल पर अपलोड भी करें। अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि कोविड की नई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, ताकि ओमिक्रोन के सब वैरिएंट का फैलाव रोका जा सके।

