सियासी बाजार गर्म: तेजस्वी यादव ने किया दावा, अभी खेला होना बाकी है!

पटना: 28 जनवरी को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि ‘अभी खेला होना बाकी है’, जिसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या वास्तव में तेजस्वी 12 फरवरी को नीतीश की सरकार गिरा देंगे? माना जा रहा है कि उनके दावे और आरजेडी की कोशिशों के कारण ही कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया गया है. वहीं बीजेपी ने अपने विधायकों को बोधगया में कार्यशाला के बहाने आरजेडी की ‘पहुंच’ से दूर कर दिया, जबकि जेडीयू ने भी भोज के बहाने सभी विधायकों को पटना बुला लिया है.

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तेजस्वी यादव ने बुलाई आरजेडी की बैठक

इस बीच तेजस्वी यादव ने भी अपने विधायकों की अहम बैठक बुलाई है. शाम 4 बजे से बैठक शुरू हो सकती है. जानकारी के मुताबिक आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव भी इस दौरान मौजूद रहेंगे. सभी विधायकों को पटना में रहने का निर्देश जारी किया गया है. खबर है कि हाईकमान ने साफ-साफ निर्देश दिया है कि 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट तक कोई भी विधायक पटना से बाहर नहीं जाएगा. वहीं, उनके आवास पर विधायकों के लिए भोज का भी प्रबंध किया गया है. जहां खाने-पीने की पूरी व्यवस्था रहेगी.

क्या है विधानसभा का अंक गणित?

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए को 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें बीजेपी के 78, जेडीयू के 45 के अलावे हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत के आंकड़े से यह संख्या 6 अधिक है. उधर महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं, जिनमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं. इसके अलावे जरूरत पड़ने पर एआईएमआईएम के एक विधायक का समर्थन मिल सकता है.

कैसे हो सकता है ‘खेला’?

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से चर्चा है कि आरजेडी की ओर से जेडीयू और बीजेपी के विधायकों से संपर्क किया जा रहा है. सम्राट चौधरी और श्रवण कुमार भी स्वीकार कर चुके हैं कि उनके विधायकों को अप्रोच किया गया है. माना जा रहा है कि अगर सत्ता पक्ष के कम से कम 7 विधायक विधानसभा में क्रॉस वोटिंग करते हैं तो नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी. आरजेडी का दावा है कि जरूरत पड़ने पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा भी पाला बदल सकता है. हालांकि शुक्रवार को जीतनराम मांझी स्पष्ट कर चुके हैं वह कुर्सी के लालच में एनडीए को धोखा नहीं देंगे.

सभी दलों की ओर से विधायकों की बाड़ेबंदी

विधायकों में टूट की आशंका को देखते हुए सभी दलों की ओर से बाड़ेबंदी की जा रही है. कांग्रेस ने जहां अपने विधायकों को रविवार यानी 4 फरवरी को ही हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है, वहीं बीजेपी ने प्रशिक्षण शिविर के बहाने बोधगया बुलाया है. जहां सभी विधायक 11 फरवरी तक एक साथ रहेंगे. वहीं जेडीयू भी भोज और दावत के बहाने शनिवार और रविवार को विधायकों को पटना में रखने की कोशिश में है. आज नीतीश कुमार अपने विधायकों से मिलेंगे.

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