चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि शनिवार की देर रात 11.19 बजे सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास (पुरूषोत्तम मास) का समापन हो गया। खरमास के समापन होते ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। ज्योतिष आचार्यों के अनुसार 18 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच विवाह का बढ़िया संयोग है।

वहीं, 23 अप्रैल से 30 जून के बीच शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण वैवाहिक कार्य नहीं होंगे। शादियों के लिए लग्न मुहूर्त में गुरु और शुक्र ग्रह का होना जरूरी है। जुलाई में शुक्र का उदय होने पर बजेगी शहनाई जुलाई में शुक्र के उदय होने के बाद शादी-ब्याह का सिलसिला आरंभ हो जाएगा। मिथिला पंचांग के अनुसार जुलाई में तीन तो बनारसी पंचांग के मुताबिक सात विवाह का लग्न मुहूर्त है। फिर चातुर्मास लगने से चार मास के लिए विवाह पर रोक रहेगी।

खरमास के बाद विवाह मुहूर्त
मिथिला पंचांग के अनुसार
अप्रैल: 18,19,21,25,26,28
मई: 1
जुलाई: 10,11,12

बनारसी पंचांग के मुताबिक
अप्रैल: 18,20,21,22,23,25,26
जुलाई: 9,10,11,12,13,14,15






