छपरा: छपरा में संतोषी माता का एक मशहूर मंदिर है. छपरा वाली संतोषी माता की महिमा अपरंपार है. कमल पुष्प पर विराजमान मां संतोषी जीवन में संतोष प्रदान करने वाली देवी हैं. इस स्वार्थी युग में जहां लोगों के लालच बढ़ते जा रहा हैं. संपदा हो जाने के बाद भी लोगों को संतोष नहीं हो रहा है. ऐसे लोगों के ऊपर संतोषी माता का महिमा विशेष रहता है.

दुर्गा की स्वरूप हैं संतोषी मां
संतोषी माता को दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. उन्हें आनंद और संतुष्टि की देवी माना जाता है. देवी दुर्गा का ये एक दयालु, शुद्ध और कोमल रूप हैं. छपरा के अमनौर में वैष्णो माता कैंपस के अंतर्गत संतोषी माता का प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है. कहा जाता है कि यहां भक्त दूर-दूर से माता से मन्नत मांगने के लिए आते हैं.

मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, वह माता के मंदिर के पास नीम के डाल में चुनरी बांधते हैं. फिर उस चुनरी को भक्त मन्नत पूरा हो जाने के बाद खोलने के लिए आते हैं. उस वक्त श्रद्धालु अपने स्वेक्षा से दान-पुण्य करते हैं. यहां संतोषी माता से दर्शन करने और मन्नत मांगने के लिए सीवान, गोपालगंज, आरा, हाजीपुर के श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालु अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए नीम के डाल में चुनरी बांधते हैं. यहां एक या दो नहीं, बल्कि कई हजार नीम के डाल में चुनरी बांधा गया है.

हर मनोकामना पूर्ण करती हैं संतोषी मां
यहां श्रद्धालु सच्चे मन से जो भी मन्नत मांगते हैं, संतोषी माता उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. यह मंदिर वैष्णो माता के नाम से मशहूर है, जहां वैष्णो माता का मंदिर भी स्थापित किया गया है. यहां संतोषी माता मंदिर के सामने एक नीम का पेड़ है, वहीं लोग चुनरी बांधते हैं.

