जमुई. 26 अप्रैल को आखिरी विवाह मुहूर्त के साथ शुक्र के अस्त हो जाने के कारण विवाह कार्यक्रमों पर ग्रहण लग गया है. शुक्रास्त होने के स्थिति में किसी भी प्रकार का वैवाहिक कार्य या कोई भी अन्य शुभ कार्य नहीं किया जा रहा है. लेकिन करीब ढाई महीने के लंबे इंतजार के बाद जुलाई महीने में एक बार फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. हालांकि, जुलाई महीने में भी विवाह के केवल सात मुहूर्त हैं और इसके बाद लोगों को करीब 3 महीने से भी अधिक लंबा इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल शुक्रास्त होने की स्थिति में बंद हुए वैवाहिक कार्यक्रम एक बार फिर से जुलाई महीने में शुरू हो जाएंगे.
जुलाई में होगा शुक्र का उदय, बजने लगेगी शहनाइयां
विवाह को संपन्न करने के लिए प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र का उदित अवस्था में होना जरूरी है. गुरु और शुक्र के अस्त रहने के कारण अभी विवाह मुहूर्त नहीं हैं. शुक्र जुलाई में उदित होंगे, जिससे 9 जुलाई से विवाह लग्न प्रारंभ होगा. जुलाई में 7 विवाह लग्न हैं. इसके बाद 3 महीने के बाद नवंबर और दिसंबर में लग्न दिवस होंगे.

जुलाई में 9 से 15 जुलाई तक लग्न रहेगा. 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी होगी इसी दिन से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा. इसके चार महीने बाद 12 नवंबर देव प्रबोधिनी एकादशी के बाद 16 नवंबर से विवाह प्रारंभ होगा. ज्योतिष ने बताया कि 23 अप्रैल से शुक्र तारा पूर्व दिशा में अस्त है और 6 मई से बृहस्पति अस्त हो चुके हैं. जुलाई में अंतिम विवाह मुहूर्त 15 तारीख को रहेगा. इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होगा.

जुलाई – 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15,
नवंबर- 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26
दिसंबर – 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14, 15





