बिहार में स्कूलबंदी पर बवाल: केके पाठक और डीएम के आदेश पर कन्फ्यूजन शुरू

पटना. बिहार के शिक्षा विभाग में जनवरी वाली स्थिति मई में सामने आ गई है. इस बार भी केंद्र में केके पाठक हैं और उनके सामने जिले के डीएम. यहां कन्फ्यूजन का भी दौर जारी है क्योंकि एक स्कूलों को बंद करने को लेकर जहां पटना से आदेश जारी किए जा रहे हैं, वहीं जिलों में डीएम भी अपने स्तर से ऑर्डर दे रहे हैं. कई जिलों से जारी आदेशों में स्कूलों की पूर्णत: बंदी की बात कही जा रही है, जबकि पटना से जारी आदेश में कहा गया है कि केवल बच्चों के लिए 8 जून तक स्कूल बंद किए गए हैं और शिक्षकों को इस दौरान भी स्कूल आना पड़ेगा. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस संबंध में मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने आदेश पत्र जारी किया है. लेकिन, कहा जा रहा है कि इस आदेश पत्र में कुछ संशोधन किया गया है और यह केवल बच्चों के स्कूल नहीं आने के लिए ही लागू होगा. शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई है और उन्हें स्कूल आना होगा.

Bihar Assembly News: केके पाठक नहीं मान रहे CM नीतीश कुमार का आदेश, शिक्षक  9 बजे ही आएंगे स्कूल | Bihar Assembly News: KK Pathak is not following CM  Nitish Kumar's orders,

दूसरी ओर जिलों में डीएम स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर रहे हैं. जिलाधिकारियों के आदेश को लेकर भी भ्रम की स्थिति है क्योंकि इन आदेशों में शिक्षण कार्य बंद करने की बात तो कही गई है, लेकिन शिक्षकों की उपस्थिति या अनुपस्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा गया है, ऐसे में शिक्षकों के बीच भ्रम की स्थिति भी है. पूर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार और नवादा के डीएम प्रशांत कुमार के जारी आदेश पत्र में भी कुछ इसी प्रकार का कन्फ्यूजन है और शिक्षक भी असमंजस में हैं.

बता दें कि ठीक ऐसी ही स्थिति बीते जनवरी में भी थी जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस निर्देश को चनौती दी गई थी जिसमें शीतलहर और ठंड में स्कूलों को बंद किए जाने को लेकर विभागीय पत्र जारी किया था. दरअसल, तब पटना के तत्कालीन डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के उस निर्देश को एक तरह से चनौती दी थी जिसमें शीतलहर और ठंड में स्कूलों को बंद किए जाने को लेकर विभागीय पत्र जारी किया था. केके पाठक के अनुसार, जिलाधिकारी बिना शिक्षा विभाग के परामर्श के स्कूलों को बंद करने का निर्णय न लें. लेकिन इसके बाद पटना डीएम की ओर से एक पत्र जारी कर शीतलहर को देखते हुए स्कूलों को 23 जनवरी, तक बंद करने का आदेश दिया गया. इसके बाद यह तिथि फिर 25 जनवरी तक कर दी गई.

पटना डीएम ने कहा था सीआरपीसी पढ़ें
वहीं, पटना डीएम की ओर से यह भी कहा गया कि शिक्षा विभाग को सीआरपीसी का अध्ययन करना चाहिए. ये क्षेत्राधिकार जिला दंडाधिकारी को दिया गया है. बच्चों की जान की सुरक्षा को लेकर स्कूलों को बंद करना जरूरी होता है और इसलिए ऐसे आदेश दिए जाते हैं. डीएम ने यह भी दावा किया था कि क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण शिक्षा विभाग को अधिकार नहीं है कि वो जिलाधिकारी के स्कूल बंद करने के फैसले को चुनौती दे. क्षेत्राधिकार के तहत डीएम को धारा 144 लगाने का अधिकार है. पटना डीएम ने शिक्षा विभाग को ये भी कहा था कि वो लोग धारा का अध्ययन करें, ऐसा कुछ नहीं है. हमने आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग कर स्कूलों को बंद किया. बहरहाल, एक बार फिर ऐसी ही स्थिति आ गई है और देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है.

केके पाठक के आदेश से शिक्षकों में आक्रोश
बताया जा रहा है कि केके पाठक से बातचीत के बाद ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों के नाम पत्र जारी हुआ है.  इस आदेश के तहत शिक्षक पहले की तरह स्कूल आएंगे और रोज अधिकारी भी स्कूलों का इंस्पेक्शन करेंगे. इस बीच शिक्षकों को छुट्टी नहीं दिये जाने को लेकर शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया है. शिक्षक संघ की ओर से कहा गया है कि क्या हीट वेव से शिक्षक प्रभावित नहीं होंगे. अगर स्कूलों में बच्चे नहीं तो फिर शिक्षकों को बुलाने की क्या जरूरत है. शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षकों को भी राहत देने की मांग की है.

   

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading