किसके सिर सजेगा पाटलिपुत्र का ताज! रामकृपाल मारेंगे हैट्रिक या मीसा जाएंगी लोकसभा

बिहार के पाटलिपुत्र के चुनावी समर में भाजपा ने एक बार फिर से सांसद रामकृपाल यादव पर भरोसा जताया है तो दूसरी और लालू प्रसाद की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा दो बार की हार का बदला लेने राजद के टिकट पर मैदान में हैं। तीसरी दफा भी दोनों के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। रामकृपाल जब लालू प्रसाद के करीबी थे, तो मीसा उन्हें चाचा संबोधित करती थी। यानी चाचा-भतीजी के बीच तीसरी बार आमने-सामने की चुनावी टक्कर है।

Rjd Leader Misa Bharti Comment On Bjp Central Minister Ram Kripal Yadav Patliputra - Amar Ujala Hindi News Live - लालू की बेटी मीसा भारती का विवादित बयान, कहा- 'उस वक्त ऐसा20 वर्षों में बनी नहर बर्बादी के कगार पर 

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का पालीगंज, बिक्रम और बिहटा का इलाका धान की अच्छी पैदावार के लिए जाना जाता है। इसकी वजह सोन नहर है। अंग्रेजों ने 1885 में इसका निर्माण शुरू किया और साल 1905 में यह चालू हुआ। न सिर्फ पटना, बल्कि औरंगाबाद और अरवल की लाइफलाइन माने जानेवाली यह नहर अब दम तोड़ने के कगार पर है। डेहरी ऑन सोन के बारुण से पटना के दीघा तक नहर में कुल 13 लॉक (लख) हैं। बिक्रम के पूर्व प्रखंड प्रमुख 78 वर्षीय जयप्रकाश नारायण सिंह बताते हैं कि पटना सोन नहर से जुड़े 24 वितरणी हैं, जिससे सिचाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। इन वितरणियों की सिंचाई क्षमता पहले 50 हजार हेक्टेयर के करीब थी, जो अब घटकर आधे से भी कम हो गई है। नौबतपुर लख से नीचे नहर में पानी नाममात्र ही पहुंच पाता है। खस्ताहाल इस नहर का असर धान की खेती पर पड़ा है। पाटलिपुत्र के दूसरे छोर मसौढ़ी इलाके में भी सिचाई बड़ी समस्या है। धनरूआ के नदपुरा गांव निवासी चितरंजन सिंह. मोरियावां के अजय शर्मा, रमनीबिगहा के राजेश्वर प्रसाद सिंह कहते हैं दरधा नदी पर बराज तो बना पर कोई फायदा नहीं है।

बिहटा- औरंगाबाद रेल लाइन बड़ा मुद्दा 

बिहटा से औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण 17 साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। इस रेल लाइन के निर्माण होने से पटना के साथ अरवल और औरंगाबाद की बड़ी आबादी लाभान्वित होती। बिहटा के राम बालक सिंह बोले- 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने रेल लाइन का शिलान्यास किया था। हाल में ही पालीगंज और बिहटा में इसके लिए बड़ा आंदोलन हुआ था।

रामकृपाल चाहें हैट्रिक

रामकृपाल यादव पाटलिपुत्र से पहले राजद के टिकट पर पटना से सांसद रह चुके हैं। वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे थे। पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने को लेकर ही रामकृपाल राजद से अलग हुए। वे यदि यहां से जीतते हैं तो यह उनकी हैट्रिक होगी।

मीसा की RS में दूसरी पारी

मीसा भारती लोकसभा के दो चुनाव लड़ चुकी हैं, पर उन्हें दोनों ही दफा हार का सामना करना पड़ा। पहली बार 2014 में वह 40 हजार से अधिक मतों से हारीं। वर्तमान में वह राज्यसभा से सांसद हैं। राज्यसभा में यह उनकी दूसरी पारी है।

मुकाबले में निर्णायक होंगे कोर वोटर

पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में दोनों दलों के कोर वोटर अपनी-अपनी जीत को लेकर गुणा-भाग बैठाते नजर आ रहे हैं। दोनों गठबंधनों ने अपने बड़े से छोटे नेताओं को पाटलिपुत्र के गांवों तक में कोर वोटरों को संभालने के लिए लगा रखा है। यादव बहुल मनेर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी लोजपा प्रमुख चिराग के साथ भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुंच चुके हैं। कोर वोटरों को अपने पाले में समेटे रखने के लिए दोनों ओर से जी तोड़ मेहनत की जा रही है।

 

   

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