पूर्वी चंपारण: जिले के बंजरिया प्रखंड के पचरूखा पूर्वी पंचायत स्थित एक गांव बसा हुआ है, जिसका नाम सुंदरपुर है. यहां के ग्रामीण गांव में प्रत्येक साल चंदा एकत्रित कर व सहयोग से सिकरहना नदी के सुंदरपुर घाट पर चचरी पुल का निर्माण कर जिला मुख्यालय से आवागमन करते हैं. चचरी पुल के सहारे जिला मुख्यालय 8 से 9 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है. लेकिन सिकरहना नदी पर पुल नहीं होने के कारण सुंदरपुर गांव के ग्रामीणों को 25 से 26 किलोमीटर दूरी जटवा पुल होकर तय करके जाना पड़ता है.

पानी बहा ले जाता है पुल
बरसात का मौसम आते-आते चचरी पुल को पानी बहा ले जाता है. यह प्रत्येक साल का हाल है. सिकरहना नदी के ऊपर पुल नहीं होने के कारण गांव के बच्चों को शिक्षा में भी परेशानियां झेलनी पड़ती है. वहीं कई बीमार मरीजों को ठीक समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी मौत हो जाती है. ग्रामीण शेख अनवर, शेख अख्तर, जावेद, कमलाउद्दीन सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सिकरहना नदी के सुंदरपुर घाट पर पुल का निर्माण नहीं होने से सबसे अधिक परेशानी बच्चे और मरीजों को होती है.
कई सालों से कर रहे हैं मांग
बच्चियां आगे की पढ़ाई चाहकर भी नहीं कर पाती हैं. युवक तो जैसे-तैसे जिला मुख्यालय जाकर ऊंची शिक्षा ग्रहण कर लेते है, लेकिन बच्चियां इससे वंचित रह जाती हैं.ग्रामीणों बताया कि पुल निर्माण की मांग को लेकर हमलोग बीते कई वर्ष से कर रहे हैं. लेकिन हम लोगों की बात सुनने व समस्या का समाधान करने के लिए कोई भी नहीं है. जिला मुख्यालय से महज 9 किलो मीटर दूरी होने के बाद भी लगता है कि हमलोग काफी दूर हैं.








