नीट टॉपर बना मधुबनी का लाल..720 में से 720 परफेक्ट स्कोर किया हासिल

मधुबनी. बीते दिन नीट यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया गया. मेडिकल में दाखिला लेने के लिए देश भर के तमाम बच्चे नीट का एग्जाम दे रहे थे. इसी कड़ी में एनटीए ने टॉपर्स की सूची भी जारी कर दी है. टॉपर्स में बिहार के चार बच्चे शामिल हैं जिन्हें 720 मार्क्स में से 720 मार्क्स मिले हैं.

Dropped 2 Years, NEET Topper Tathagat Awatar of Bihar Bags 1st Rank in 3rd Attempt Studying Online - Republic World

मधुबनी के अंधराढाडी निवासी तथागत अवतार ने 720 में से 720 मार्क्स लाकर नीट के एग्जाम में कमाल कर दिया है. उनकी सफलता से उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं साथी उनके नाम की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है. हालांकि, तथागत का ये दूसरा प्रयास था. इससे पहले पिछले साल वो नीट का एग्जाम दे चुके हैं जिसमें उन्हें 611 नंबर मिले थे. तथागत के माता-पिता दोनों शिक्षक हैं. वहीं, इसके अलावा उनका बड़ा भाई पंजाब के प्रतिष्ठित कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहा है.

लॉकडाउन में मिला पढ़ने का मौका
तथागत के पिता चंद्र नारायण बताते हैं कि लॉकडाउन से पूर्व तथागत पटना में रहा करते थे लेकिन कोरोना के दौरान जब स्थिति बदल रही थी तब उनके परिवार वालों ने उन्हें घर आने को कहा, वह पटना स्थित एसके चौधरी के पाठशाला से नीट के एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. कोविड़ के दौरान वह संस्थान भी पटना से अंधराढ़ाडी पहुंच गया ऐसे में तथागत ने भी गांव आने का फैसला कर लिया और आगे की पढ़ाई यही से करने लगे. पिता बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें पढ़ने के लिए भरपूर समय मिल पाया. एस के चौधरी के पाठशाला में पढ़ने के साथ-साथ वह ‘फिजिक्स वाला’ के ऑनलाइन क्लास भी ले रहे. फिलहाल रिजल्ट के बाद तथागत को ‘फिजिक्स वाला’ के मुख्यालय दिल्ली बुलाया गया है जहां वह अपनी माताजी के साथ गए हैं.

ननिहाल में बसा है परिवार
तथागत के पिता मूल रूप से मधुबनी जिले के गेहूंमा बेरिया गांव के रहने वाले हैं. यहीं पर उनके दादा कुशेश्वर कामत रहा करते हैं लेकिन फिलहाल जिस जगह वो लोग रहते हैं वह तथागत के पिता का ननिहाल है. तथागत की माता कविता नारायण उच्च विद्यालय में शिक्षिका है. वहीं, उनके पिता मध्य विद्यालय में शिक्षक है. तथागत के परिवार के लोग उनकी सफलता से पहले नहीं समा रहे हैं. जेएन कॉलेज मधुबनी में लाइब्रेरियन रहे नाना अशोक चौधरी बताते हैं कि तथागत पर शुरू से ही सबको नाज़ रहा है. आज उनकी सफलता से पूरा परिवार गदगद है. वह हमेशा से एम्स में दाखिला चाहता था अब लगता है कि उसका यह सपना भी जल्द ही पूरा होने वाला है. उनके पिता सफलता का श्रेय परिवार के लोगों के साथ-साथ शिक्षक एसके चौधरी को भी दे रहे हैं जिनके दिशा निर्देश की बदौलत तथागत ने यह बड़ी सफलता प्राप्त की है.

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