बिहार का एक ऐसा गांव जहां आज भी ग्रामीण अग्रेंजों द्वारा बनाये गए कुएं के पानी से कर रहें गुजारा

गया. इन दिनों पूरा बिहार भीषण गर्मी के चपेट में है. गर्मी के कारण कई जिलों में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. बिहार के गया जिले में भी जलस्तर नीचे जाने के कारण कई जगहों पर पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. मामला जिले के मानपुर प्रखंड के अमरपुर गांव का है. इस महादलित बस्ती में 100 से अधिक घर है और गांव में सिर्फ दो कुआं ही यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन है. एक दो निजी चापाकल भी है, वह भी जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद हो गया है. सरकारी स्तर से किसी भी तरह का सहयोग इस गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है.

कुओं का इतिहास, उपयोगिता एवं वर्तमान स्वरूप – Kahaar

बता दें कि जिला प्रशासन के द्वारा कई जगहों पर टैंकर से पानी मुहैया कराई जा रही है लेकिन इस गांव में अभी तक टैंकर की पानी भी नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में 100 से अधिक घर वाले इस गांव में अंग्रेजों के जमाने का बना तीन फीट की चौड़ाई का एक कुआं और एक विदेशियों के द्वारा बनवाए गए कुआं से पानी पीते हैं. कुआं के पास हमेशा दर्जनों लोगों की भीड़ बनी रहती है. इन दिनों पानी का लेयर नीचे जाने से कुंआ का पानी भी काफी नीचे चला गया है.

गौरतलब हो कि गांव में सरकारी नल-जल या चापाकल की व्यवस्था नही है और दो कुएं के भरोसे पूरा गांव है. ग्रामीणों की मांग है कि जिला प्रशासन यहां पानी की व्यवस्था करें. ग्रामीणों की माने तो कुंए पर पानी भरने को लेकर काफी परेशानी होती है. छोटे छोटे बच्चे हमेशा कुएं पर रहते है ऐसे मे दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. गांव की एक महिला ने  बताया कि गांव मे दो कुंआ है जिसमें एक विदेशी लोगों के द्वारा बनाया गया है और दूसरा काफी पुराना है.

कुंआ से काफी गंदा पानी निकलता है. इस कारण पानी पीने को लेकर काफी परेशानी होती है. गांव में एक भी चापाकल या नल जल नही है. टैंकर का पानी भी इस गांव मे अभी तक नहीं पहुंचा है. हमलोग सरकार से मांग करते हैं कि यहां नल जल या चापाकल का व्यवस्था करें ताकि हमलोगो को साफ पानी मिल सके.

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading