बिना आयुष्मान कार्ड के भी होगा फ्री में इलाज, ऐसी है बिहार सरकार की ये स्कीम

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। आयुष्मान भारत योजना के अलावा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से भी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सरकार मदद कर रही है।कैंसर सहित 14 गंभीर रोगों से पीड़ित के इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष से 20 हजार से डेढ़ लाख तक की मदद मिलती है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ राय कमलेश्वर नाथ सहाय ने बताया कि इसके लिए जिला अथवा स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख के यहां आवेदन किया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी शर्तें पूरी करने वाले मरीजों को प्रदेश के सरकारी और सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज के लिए आवश्यक राशि दी जाती है। यह योजना जिनके पास राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड नहीं है, उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।

हरियाणा के इन अस्पतालों में मिल पाएगा आयुष्मान कार्ड का लाभ, नई लिस्ट हुई  जारी - list of hospitals released which covers free treatment under  ayushman-mobileइन्हें मिलता है इस योजना का लाभ

इस योजना का लाभ इस वर्ष पांच मरीजों को मिल चुका है। एक लाख से कम सालाना आय वाले लोगों को योजना का लाभ मिलता है। इसमें 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है। योजना के तहत हृदय रोग, कैंसर, कूल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मेरौ ट्रांसप्लान्ट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांस जेंडर सर्जरी, नेत्र जैसे बीमारियों के इलाज के लिए सहायता राशि दी जाती है।

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का प्रविधान है। इसका लाभ मरीज राज्य के मान्यता प्राप्त अस्पतालों के साथ दूसरे राज्यों में स्थित सीजीएचएस सर्टिफाइड अस्पतालों में भी उठा सकते हैं।

2.5 लाख से कम आय वाले रोगियों को मिलता है लाभ

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सालाना 2.5 लाख से कम आय वाले रोगी को सहायता दी जाती है। दूसरे प्रदेश में रेफर पर भी रोगी को सहायता दी जाती है।

कैसे करें आवेदन

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमण आर्यभट्ट ने बताया कि आवेदन के लिए मरीज के स्वजन को सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र, डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र तथा राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पुरजा और मूल अनुमानित राशि के कागजात जमा करने होते हैं। जिसके बाद योजना के प्राधिकार कमिटी के द्वारा आवेदक को बुलाया जाता है। जांच पड़ताल के बाद राशि अनुमोदित की जाती है।

 

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