मुजफ्फरपुर : जिले में घर-घर स्मार्ट मीटर लग गए, लेकिन विभाग इसकी सही सेवा नहीं दे पा रहा है। इससे बिजली उपभोक्ताओं को गर्मी में अनावश्यक परेशान हो रही है। स्मार्ट मीटर को लेकर बिजली विभाग गंभीरता नहीं बरत रहा है। मंगलवार को करीब ढाई लाख उपभोक्ताओं का रिचार्ज फंस गया। किसी के सौ-दो सौ तो किसी को पांच सौ से पांच हजार रुपये का रिचार्ज नहीं हुआ। शाम को सर्वर सही होने पर फिर से रिचार्ज होने लगा। इस दौरान नार्थ जोन के मुजफ्फरपुर व मोतिहारी में करीब ढाई लाख उपभोक्ताओं का रिचार्ज फंस गया। मुजफ्फरपुर के इनमें डेढ़ लाख उपभोक्ता हैं।
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मीटर रिचार्ज नहीं होने पर जिले के सभी बिजली कार्यालय में पहुंचकर लोगों ने आक्रोश जताया। इसकी शिकायत ऊर्जा विभाग के राज्य मुख्यालय तक पहुंची तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आठ-नौ मई को सर्वर अपडेट होने के बाद भी सेक्योर अपने सर्वर का दायरा नहीं बढ़ा सका। इससे उपभोक्ता प्रत्येक महीने इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसको लेकर हंगामा व तोड़फोड़ होती है।

रिचार्ज नहीं होने व लाइन कटने पर सुबह ही लोग माड़ीपुर, रामदयालु, तिलक मैदान, भगवानपुर अपने-अपने क्षेत्र के बिजली कार्यालय पहुंच गए। वहां पता चला कि सर्वर स्लो होने से ऐसी स्थित उत्पन्न हुई है। लाइन कटने से लोग आक्रोशित हो गए। कुछ लोगों ने बिजली कार्यालय से रिचार्ज कराया तो पांच से 10 मिनट होने में लगा। उसके बाद टोकन जनरेट नहीं होने से काफी देर तक लाइन कटी रही। एक बार के बजाय दोबारा बिजली ऑफिस जाने पर लाइन शुरू हो सकी। सर्वर स्लो होने के चलते मोबाइल पर एप भी लोड नहीं हो रहा। इससे भी लोग परेशान रहे।

लाखों लोगों के रिचार्ज करने पर सर्वर हो गया स्लो
इधर, सेक्योर कंपनी के अधिकारी का कहना है कि उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का रिचार्ज खत्म होने से पहले चार्ज करा लें अन्यथा इस तरह की समस्या आ सकती है। उनका कहना है कि शनिवार व रविवार को बिजली नहीं कटती है। बकरीद को लेकर बिजली नहीं कटी। लोगों ने लापरवाही की इससे पैसा माइनस में चला गया। बकरीद के अगले दिन यानी मंगलवार को माइनस वाले उपभोक्ताओं की बिजली कट गई। इसके चलते लोगों को परेशानी हुई है। उनका कहना है कि मीटर में पैसा रहेगा तो बिजली कभी नहीं कटेगी।

पैसा वापस आएगा, लेकिन गारंटी नहीं दे रहा विभाग
इधर जिन लोगों के रिचार्ज का पैसा फंस गया है उनका कब तक अकाउंट में वापस आएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। अधिकारी भी 24 घंटे से लेकर सात दिनों का समय देते हैं, लेकिन इस अवधि में भी पैसा वापस नहीं आ रहा। इससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं।






