मुजफ्फरपुर: आरडीएस कॉलेज आइक्यूएसी एवं एकेडमिक काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में “महिला सशक्तिकरण एक नया विमर्श” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर संगोष्ठी के मुख्य वक्ता निर्मला साहू ने कहा कि सशक्त महिला व सशक्त समाज देश के विकास में दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करना आवश्यक है। भारत में महिलाएं राजनीति, पत्रकारिता, कला, संस्कृति, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में लगातार अपनी भागीदारी दे रही है। निश्चित रूप से 21वीं सदी के दौर में महिलाएं अपनी काबिलियत के बदौलत समाज और देश में अपनी पहचान बना रही है।

विशिष्ट वक्ता सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की शुरुआत घर से होनी चाहिए। घर में महिलाओं के साथ किसी भी तरह के हिंसा न हो इसका ध्यान रखना आवश्यक है। लड़कियों को उसके अधिकार के बारे में बताते हुए आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। आज बहुत सारी एजेंसियां महिला सशक्तिकरण की दिशा में अच्छा काम कर रही है। पुलिस महिला हेल्प डेस्क महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा काम कर रही है। विशेष अतिथि के रूप में विभा राय ने बताया कि वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। स्त्री और पुरुष को साथ मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है। इसी से हमारे समाज और देश का विकास संभव है।


अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कहा कि भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं की समानता की गारंटी देता है। महिला सशक्तिकरण की नीति भारत के संविधान में शामिल है, जो वर्ष 1950 में प्रभावी हुआ। अनुच्छेद 14 महिलाओं के लिए समानता का अधिकार सुनिश्चित करता है; अनुच्छेद 15 (1) लैंगिक भेदभाव को प्रतिबंधित करता है; अनुच्छेद 15 (3) राज्य को महिलाओं के पक्ष में सकारात्मक कदम उठाने का अधिकार देता है। अन्य वक्ताओं के रूप में डॉ नीलिमा झा, डॉ अजमत अली, डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ नीरज मिश्रा, डॉ एम एन रिजवी ने महिला सशक्तिकरण विषय पर अपने विचार रखे।


संगोष्ठी में विषय प्रवेश डॉ रजनीकांत पांडे ने कराया एवं मंच संचालन डॉ मंजरी वर्मा ने किया।
आगत अतिथियों का स्वागत डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता ने किया।
संगोष्ठी की समाप्ति के बाद अंतर विभागीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में चयनित दो दर्जन छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजिका डॉ तूलिका सिंह ने बताया कि ड्रामा, फाइन आर्ट, नृत्य, संगीत, क्लासिकल म्यूजिक एवं अन्य विधाओं में प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।




