बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की ह’त्या के बाद प्रदेश में अ’पराध और विधि व्यवस्था पर चारों ओर चर्चा होने लगी है। लॉ एंड ऑर्डर के सवाल पर इन दिनों बवाल मचा हुआ है। विपक्ष को बैठे-बैठे बड़ा मौका मिल गया है। सीएम नीतीश कुमार और डबल इंजन सरकार पर आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआईएमएल समेत सभी लेफ्ट पार्टियों के नेता हमलावर हैं। तेजस्वी यादव के बाद राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने बिहार में कानून व्यवस्था को लाचार बताते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री को खुली बहस की चुनौती दी है।

मनोज झा ने बिहार में हो रही आपराधिक वारदातों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा है कि समझ में नहीं आता कि इस राज्य को चला कौन रहा है। राजद के शासनकाल में जंगल राज और ज्यादा अपराध का दावा करने वाले नीतीश कुमार को मनोज झा ने बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि बच्चियां जब स्कूल जाती हैं तो डर बना रहता है और शाम को जब सुरक्षित आ जाती हैं तो परिवार के लोग ईश्वर का धन्यवाद करते हैं।

यह अच्छा संदेश नहीं है। बिहार में हो रही आपराधिक वारदातों को लेकर मुख्यमंत्री भिज्ञ हैं या अनभिज्ञ यह मैं नहीं जानता। हर जिले से आपराधिक वारदातों की खबरें आ रही हैं। अगर उन्हें इन सारी बातों की जानकारी है तो चिंता का विषय है कि उनके होते वारदातें रुक क्यों नहीं रहीं। अगर वे इन चीजों से वाकिफ नहीं हैं तो और भी चिंता का विषय है। तब सवाल उठता है कि राज्य कौन चला रहा है।

कटाक्ष करते हुए उन्होंने पूछा कि बिहार को कोई सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रैट चला रहा है या फिर एक दो मंत्री मिलकर चला रहे हैं। आपराधिक वारदातों के लिए कौन अकाउंटेबल है, जनता किस से सवाल पूछे। मनोज झा ने कहा कि सरकार के मुखिया और बीजेपी के लोग इस दौर और उस दौर के आंकड़े लेकर सार्वजनिक मंच पर आ जाएं और बहस करें। संभव है तो वे गांधी मैदान में आकर हमसे बात करें। इस पर खुलकर बहस हो और उन्हें जवाब दिया।