चिराग को संतुलित करने के लिए बीजेपी की बड़ी चाल, अंदर की कई बातें आईं सामने

लोकसभा चुनाव के समय टिकट से वंचित कर दिए गए रालोजपा (राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी) अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को भाजपा इन दिनों बहुत भाव दे रही है। इसी 22 अगस्त को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पारस से मिलने उनके पटना वाले घर गए।

इधर सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से पारस की मुलाकात हो गई। भाजपा से भाव न मिलने से दुखी पारस ने कुछ दिनों पहले अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। लेकिन, भाजपा की प्रतिक्रिया तब आई, जब लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान केंद्र सरकार से जुड़े कुछ संवेदनशील मामलों पर सार्वजनिक मंच पर टिप्पणी करने लगे।

पूरी प्लानिंग के तहत बीजेपी पशुपति पारस को दे रही भाव

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पारस के बीच हुई मुलाकात का प्रभाव तुरंत नजर आया। चार दिन बाद ही पारस की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हो गई। उसके बाद से पारस खेमें में उत्साह का माहौल है। समर्थकों को लग रहा है कि केंद्र सरकार पारस के पुनर्वास के बारे में भी विचार कर सकती है। जायसवाल से पारस की मुलाकात रूखेपन से शुरू हुई।

पारस ने कहा-हमें तो यह भी नहीं पता कि हम भी राजग के अंग हैं। जायसवाल ने उन्हें कहा कि उनकी पार्टी रालोजपा को राजग का अंग मानती है। उन्होंने पारस को भरोसा दिया कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात कर बताएंगे। इसी का परिणाम है कि बीते सोमवार को पारस और अमित शाह आमने-सामने थे। माना जा रहा है कि मुलाकात से पारस संतुष्ट हुए।

चिराग से असहज होने का कारण

असल में चिराग पासवान की कुछ गतिविधियां भाजपा को पसंद नहीं आ रही हैं। हाल में लोजपा (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रांची में बैठक हुई थी। उसमें चिराग ने झारखंड सहित कुछ अन्य राज्यों में भी स्वतंत्र ढंग से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।

भाजपा नहीं चाहती राजग के वोट बैंक में बिखराव हो

भाजपा नहीं चाहती है कि झारखंड में राजग के वोट बैंक में बिखराव हो। इससे पहले लैटरल एंट्री को लेकर चिराग के रूख से भी भाजपा हैरान रह गई थी। चिराग ने ठीक उसी समय लैटरल एंट्री का विरोध किया, जब आइएनडीआइए के सभी दल एक सुर से इसका विरोध कर रहे थे।

इसी तरह अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण के लिए उप वर्गीकरण के बारे में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के विरोध में चिराग की अति सक्रियता भी भाजपा को नहीं भा रही है। अजा-अजजा के आरक्षण में क्रीमी लेकर लागू करने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह की केंद्र सरकार समीक्षा ही कर रही थी। केंद्र ने इसे अस्वीकार भी कर दिया।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading