नीतीश सरकारा का बड़ा फैसला, बिहार में अब गाड़ियों का नहीं कटेगा 10 हजार रुपए का प्रदूषण चालान

देश में प्रदूषण की भयावह स्थिति है। आलम ये है कि कई लोग प्रदूषण के काऱण हर दिन न सिर्फ बीमार हो रहे हैं बल्कि कई तो अपने जान से हाथ भी धो रहे हैं। सरकार इसे रोकने का पहल भी करती है। इसके लिए प्रदूषण फैलाने वोलों पर फाइन भी किया जाता है। बिहार सरकार पहले काफी जुर्माना लगाती थी, लेकिन अब नीतीश सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है। परिवहन विभाग अब प्रदेश में वाहन से प्रदूषण  फैलाने वाले लोगों के चालान के शुल्क में बड़ी कटौटी की है। पहले सभी प्रकार के वाहनों से प्रदूषण फैलाने पर कम से कम दस हजार रुपए लिया जाता था । लेकिन अब प्रदूषण फैलानें पर वाहन मालिकों से न्यूनतम 1000 लिया जायेगा।

परिवहन विभाग ने गाड़ियों की कैटगरी के अनुसार चालान की राशि तय कर दी है। परिवहन विभाग के तरफ से इस संबध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस बाबत परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जनहित को देखते हुए प्रदूषण के चालान की राशि को वाहनों की कैटेगरी के अनुसार तय किया गया है। पूर्व में सभी तरह के वाहनों के लिए प्रदूषण का चालान 10 हजार रुपये निर्धारित था। अब इसे घटाकर 1000 रुपये तक कर दिया गया है। यह अधिसूचना बिहार गजट में प्रकाशन की तारीख से पांच दिन के बाद प्रभावी होगी।

परिवहन सचिव ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य वाहन मालिकों को प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेट कराने के लिए पर्याप्त समय देना है। ताकि वे अपने वाहनों को प्रदूषण मानकों के अनुसार अद्यतन कर सकें। इससे वाहन मालिकों को प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेट करने में आसानी होगी और उन्हें दोबारा समन की कार्रवाई से बचाया जा सकेगा। परिवहन सचिव ने वाहन मालिकों एवं चालकों से अपील की है कि वे समय पर अपने वाहनों का प्रदूषण प्रमाणपत्र (पॉल्युशन सर्टिफिकेट) अद्यतन करा लें।

केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली के अनुसार वाहनों को अपडेटेड प्रदूषण प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य है। प्रदूषण प्रमाणपत्र अपडेट नहीं होने की स्थिति में ई -चालान की कार्रवाई का प्रावधान है। प्रदूषण में चालान की राशि जमा करने के लिए सात दिनों का ग्रेस पीरियड भी दिया गया है। यानी कि एक चालान कटने के बाद दूसरा 7 दिनों के बाद ही कटेगा। अभी वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेटेड नहीं रहने पर एक बार ई-चालान कट जाने के बाद कभी भी दोबारा चालान कटने की संभावना बनी रहती थी। परिवहन विभाग के इस नए निर्णय से प्रदूषण प्रमाण पत्र समाप्त होने की स्थिति में प्रथम चालान की तिथि से 7 दिनों के बाद ही दूसरे चालान की कार्रवाई की जाएगी।

जानिए अब किस गाड़ी का कितना प्रदूषण चालान कटेगा

– दो पहिया वाहन (बाइक, स्कूटर) पहली बार 1000 और दूसरी बार 1500 रुपये

– तिपहिया वाहन (ऑटो, रिक्शा) पहली बार 1500 और दूसरी बार 2000 रुपये

– हल्के मोटरयान (कार, जीप) पहली बार 2000 और दूसरी बार 3000 रुपये

– मध्यम मोटरयान पहली बार 3000 और दूसरी बार 4000 रुपये

– भारी मोटरयान पहली बार 5000 और दूसरी बार 10000 रुपये

बहरहाल प्रदूषण के चालान की राशि में कटौती करते परिवहन विभाग ने आम लोगों को राहत तो दी हीं है, इसके साथ ही दूसरी चालान सात दिन बाद कटने की बात भी कही गई है, इस अवधि में लोग अपने वाहन के प्रदूषण की जांच भी करा सकेंगे।

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