पटना : जे. एम. इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग में 42वीं वार्षिकोत्सव समारोह एवं अभिव्यक्ति पर्व का हुआ आयोजन

पटना के रवीन्द्र भवन, वीरचन्द पटेल पथ के पास के शुक्रवार को  जे०एम० इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग, इन्द्रपुरी, रोड नं०-5, पटना अंतर्राष्ट्रीय बधिर दिवस एवं संस्थान का 42वीं वार्षिकोत्सव समारोह के साथ अभिव्यक्ति पर्व आयोजित किया गया। जहां राष्ट्रगान और आगत अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की उपाअध्यक्ष ऋचा शर्मा ने संस्थान की प्रगति और उपलब्धियों बल्कि बधिर समुदाय के प्रति कर्तव्यों और योगदान के बारे में बताई।

संस्थान के अध्यक्ष डॉ० मनीषा कुमारी ने आगत अतिथियों का अभिनंदन एवं शुभकामना के साथ संस्थान के 42 वर्षों की यात्रा, घटनाओं, सफलताओं और चुनौतियों, असफलताओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1982 में एक छोटी सी संस्था के रूप में इसकी शुरुआत  की गई थी। जो कि आज 800 पूर्णकालिक कर्मचारी, कई भवनों एवं शाखाओं में गतिविधियों और 300 शय्या वाला दातव्य अस्पताल में 800 शय्या वाले आधुनिक सुसज्जित अस्पताल में परिवर्तित होकर लोगों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करना साथ ही 2021 से 150 छात्रों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम के संचालन होने पर गर्व होने की यात्रा की बात कही।

महासचिव जे०एम० इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग, राजीव कुमार ने आगत अतिथियों का इस समारोह में उपस्थित होने पर आभार प्रकट किए। उन्होंने संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन 2023-2024 एव का प्रस्तुतिकरण और अभिभाषाण में बताया कि यह वर्ष संस्थान के लिए परिर्वतनकारी रहा है। जहाँ विशेष शिक्षा, पुनर्वास, विकासात्मक दिव्यांगता, गुणवत्तापूर्ण आधुनिक स्वास्थ्य सेवा और मानव संसाधन विकास के क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। उन्होंने संस्थान का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए संस्थान द्वारा किए गए कार्यों यथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित विभिन्न योजनाएं, जैसे-प्री प्राईमरी से सेकेण्ड्री शिक्षा, व्यवसायिक प्रशिक्षण इत्यादि को लेकर अपनी बात रखी। इसके साथ ही संस्थान द्वारा संचालित 800 शय्या दातव्य अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज, दिव्यांगता प्रबंधन एवं विशेष शिक्षा में मानव संसाधन विकास, सामुदायिक कार्यक्रम, चिकित्सा शिक्षा एवं शोध इत्यादि के बारे में अवगत कराया।

आगे पूर्व मुख्य आयुक्त विकलांगता, भारत सरकार और संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ० मनोज कुमार ने बताया कि योगदान न केवल शिक्षा और सेवा वितरण के माध्यम से बल्कि मानव संसाधन विकास के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण जानकारियां दिया गया। संस्थान द्वारा 42 वर्षों में किए गए विशिष्ट कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री कुमार ने बताया कि संस्थान के प्रयासों से समाज के कमजोर वर्ग तथा वंचित वर्ग के सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग मंत्री मदन सहनी ने इस अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए जे०एम० इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग द्वारा दिव्यांगता एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले योगदान की सराहना की। उन्होंने समाज कल्याण विभाग की दिव्यांगों की सभी योजनाओं एवं नीतियों के बारे अवगत कराया तथा उपस्थित सभी दिव्यांगजनों को विभाग की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। श्री सहनी ने समावेशी समाज यथा सबों क सम्मान की बात करते हुए दिव्यांगजनों के क्षमताओं का पूरा उपयोग तथा इस मान्यता देने की बात कहीं।

इस दौरान बिहार  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्री मंगल पाण्डेय ने  संस्थान द्वारा दिव्यांगता प्रबंधन, दिव्यांगजनों खास कर बधिर लोगों को समाज की मुख्य धारा में सम्मानपूर्वक शामिल करने के प्रयासों की सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान द्वारा संचालित सर्व सुलभ उच्च कोटि के आधुनिक अस्पताल तथा गुणवत्तापूर्ण MBBS पाठ्यक्रम की सराहना करत हुए बताया कि संत्थान प्रधानमंत्री के स्वस्थ राष्ट्र के संकल्प को साकार करने में अभूतपूर्व योगदान दे रही है।

बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने अपने भाषण में संस्थान के वार्षिकोत्सव तथा विश्व बधिर दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि बधिर तथा सभी दिव्यांग समाज के बराबरी के अंग हैं, इन्हें अवसर मिले तो ये एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने में पीछे नहीं हैं। उन्होंने समावेशी समाज के निर्माण तथा दिव्यांगों के प्रति सोच बदलने का आहवान किया।

इस अवसर पर बिहार उप मुख्यमंत्री  विजय कुमार सिन्हा ने समाज को शारीरिक रूप से दिव्यांग / दिव्यांग लागों के मामलों को उठाने के लिए व्यक्तियों, समूहों, संस्थाओं और सरकारों की आवश्यकता है, जिन्हें बिना किसी बाधा के अपना जीवन और व्यवसाय चलाने के लिए प्यार और समर्थ की आवश्यकता है। अब विकलांग लोग खेल के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे है। भारत और बिहार सरकार ने उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई कल्याणकारी कार्यक्रमों को बताया।

बिहार उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संस्थान द्वारा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और पुनर्वास में सस्थान की भूमिका को सराहा। संस्थान द्वारा किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं हर वर्ग तक पहुंचाने में संस्थान को सराहा और राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, एवं संस्था के मुख्य संरक्षक सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि हम न केवल हमारी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, बल्कि उन अनगिनत जीवन कहानियों को भी याद करते हैं जो संस्थान के माध्यम से साकार हुई। संस्थान ने बधिर समुदाय की सेवा में अद्वितीय योगदान दिया और हमें गर्व है कि हम उनकी आवाज बनने का प्रयास करें। उन्होंने सभी से संकल्प लेने को कहा कि हम सभी बधिर व्यक्तियों के अधिकारों और उनकी गरिमा के लिए काम करते रहें।इस वर्ष का जागेश्वरी सम्मान-2024 राकेश कुमार, को दिव्यांग व्यक्तियों की अधिकारिता के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य की लोकमान्यता के लिए प्रदान किया गया।

वहीं जे०एम०दिव्यांग प्रेरणा पुरस्कार-2024 सुधांशु कुमार सिन्हा को दिव्याग अधिकारिता के के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य की लोकमान्यता के लिए प्रदान किया गया। इस अवसर पर सतीश कुमार को जे० एम०शिक्षण समृद्धि पुरस्कार 2024 उनक दिव्यांगजनों की शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं उत्कृष्ट कार्य की लोकमान्यता के लिए प्रदान किया गया।

संस्थान एवं आर० डी० जे० एम० मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्देशक सुमन्यु भारद्वाज ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आगत अतिथियों का  समारोह में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया। इन्होंने विश्व बधिर सप्ताह का थीमः सांकेतिक भाषा अधिकारों के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात कही। विश्व श्रवण दिवस-2024, विश्व बधिर दिवस-2024 विश्व बधिर दिवस का इतिहास के अस्तित्व वैश्विक आंदोलन, महत्व एवं निष्कर्ष को बताया।

उद्घाटन सत्र के बाद संस्थान के बधिर एवं मंद बुद्धि बच्चों तथा प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों द्वारा रंगारंग कार्यकम प्रस्तुत किया गया। रंगारंग कार्यक्रम में बच्चों ने कला के अदभूत रंग बिखेरे। शायद इस प्रकार की प्रस्तुति सामान्य बच्चे भी न कर पाएँ। बच्चों एवं वयस्कों ने कई लोकगीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए जैसे- गणेश वन्दना (सामूहिक नृत्य), तारे जमीन पर, डांडिया, रैम्प वॉक से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम के अंत में विशष्ट अतिथियों ने पुरस्कार वितरण किया।

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