मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ के खतरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और लगातार निगरानी कर रहा है। बागमती नदी के जलस्तर में मामूली गिरावट देखी गई है, जबकि गंडक और बूढ़ी गंडक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण नए क्षेत्रों में पानी भरने की स्थिति बन रही है, जिससे जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है।
गंडक और बूढ़ी गंडक में जलस्तर वृद्धि, बागमती में आंशिक राहत
हाल ही में नेपाल से छोड़े गए पानी का प्रभाव उत्तर बिहार की नदियों पर देखने को मिल रहा है। बागमती नदी के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन गंडक और बूढ़ी गंडक नदियों में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर के कटौझा में बागमती नदी 71 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि गंडक नदी रेवाघाट में 35 सेंटीमीटर ऊपर है। हालांकि बूढ़ी गंडक का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है, परंतु इसमें भी लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे निचले इलाकों में मुश्किलें बढ़ रही हैं।

प्रशासन की 24x7 निगरानी और कम्युनिटी किचन की व्यवस्था
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। जिले के जिन इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वहां के लोगों के लिए कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है, ताकि भोजन की कोई कमी न हो। साथ ही स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए पीएचईडी के पानी टैंकर भी लगाए गए हैं।

स्थिति पर जिला प्रशासन की पैनी नजर
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गंडक नदी का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान पर है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी लगातार मॉनिटर किया जा रहा है और बागमती नदी के कैचमेंट क्षेत्र में अभी भी पानी जमा है, जिससे कुछ राहत मिलती दिख रही है।

प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि हालात पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस पहल से जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सेवाएं मिलें और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी है।



