बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होने जा रहा बड़ा आयोजन, सभी पंचायतों में होगा ये काम

बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर सभी 8053 पंचायतों में महिला ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। इन सभाओं की अध्यक्षता संबंधित पंचायत की महिला प्रतिनिधि करेंगी और इसमें महिलाओं के हित में विशेष योजनाओं का चयन किया जाएगा। शुक्रवार को प्रेस वार्ता में पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने यह जानकारी दी।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

मंत्री ने बताया कि बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के तहत महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया है। अब महिला ग्राम सभाओं के माध्यम से महिलाओं की जरूरतों और आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इन सभाओं में चुनी गई योजनाओं और निर्णयों को वार्षिक कार्य योजना में शामिल किया जाएगा।

इस प्रक्रिया के लिए पंचायती राज विभाग जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। मंत्री ने कहा कि इस पहल के जरिए बिहार पूरे देश में एक मिसाल कायम करेगा, क्योंकि यह व्यवस्था देश के अन्य राज्यों में कहीं नहीं है।

महिलाओं की अध्यक्षता में विकास की पहल

8 मार्च को आयोजित होने वाली महिला ग्राम सभा में अध्यक्षता संबंधित पंचायत की सबसे वरिष्ठ महिला प्रतिनिधि करेंगी। मंत्री ने कहा कि महिलाओं की इच्छाओं और जरूरतों के अनुरूप क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

श्रमिकों के भुगतान में सुधार

15वें और 6ठें वित्त आयोग के तहत श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान 48 घंटे के भीतर सुनिश्चित करने के लिए भुगतान प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। पहले यह भुगतान श्रमिकों के प्रमुख (मेठ) के खाते में भेजा जाता था, लेकिन अब इसे सीधे सरकारी अभिकर्ता के माध्यम से किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी (BPRO) और पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव को सरकारी अभिकर्ता नियुक्त किया गया है। श्रमिकों के भुगतान के लिए इन सरकारी अभिकर्ताओं का अलग खाता होगा।

महिला ग्राम सभा से नई दिशा

मंत्री के अनुसार, यह कदम महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी प्रदान करेगा। महिलाओं की भागीदारी से विकास कार्यों को नई दिशा मिलेगी और उनके हित में बेहतर योजनाओं का क्रियान्वयन संभव होगा।

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