आरा से सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर के जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया (आईएएस) पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर डीएम पर न्यूनतम विशेषाधिकारों के उल्लंघन और सांसदों के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन न करने का आरोप लगाया है।

गणतंत्र दिवस समारोह में अपमान का आरोप
सांसद सुदामा प्रसाद ने पत्र में लिखा है कि उन्हें 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था। लेकिन जब वह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो उनके बैठने के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं थी।

पूछताछ करने पर उन्हें भोजपुर पुलिस अधीक्षक (एसपी) के बगल में बैठाया गया, लेकिन जब डीएम वहां पहुंचे तो उन्हें वहां से भी हटा दिया गया। सांसद ने इसे न केवल उनका व्यक्तिगत अपमान बताया, बल्कि कहा कि यह संसद और लोकतंत्र की गरिमा का भी हनन है। उन्होंने इस घटना को सांसदों के विशेषाधिकारों का सीधा उल्लंघन करार दिया।

‘सरकारी योजनाओं की जानकारी देने से भी करते हैं इनकार’
सांसद ने आगे आरोप लगाया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भोजपुर डीएम पहले भी कई मौकों पर सांसदों के प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर चुके हैं।

उन्होंने लिखा कि जिले में चल रही सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी देने में डीएम टालमटोल करते रहे हैं। वह सांसद की उपस्थिति को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति अपनाते हैं। सांसद ने कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार केवल व्यक्तिगत अपमान नहीं, बल्कि जनता का भी अपमान है।

लोकसभा अध्यक्ष से की कार्रवाई की मांग
सांसद सुदामा प्रसाद ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि भोजपुर डीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने लिखा कि डीएम का यह व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे सांसदों की गरिमा को ठेस पहुंची है। सांसद ने उम्मीद जताई कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले को गंभीरता से लेंगे और उचित हस्तक्षेप कर लोकतंत्र व निर्वाचित प्रतिनिधियों के सम्मान की रक्षा करेंगे।