नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए रेखा गुप्ता का नाम मुख्यमंत्री के लिए चुना है. साथ ही पार्टी ने छह मंत्रियों की घोषणा की है, जिसमें प्रवेश वर्मा का नाम भी शामिल हैं.

प्रवेश वर्मा (कैबिनेट मंत्री): प्रवेश वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. उन्होंने आप नेता अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 4089 वोटों से मात दी. वह पश्चिमी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं. उनकी उम्र 47 साल है और उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन के बाद एमबीए किया. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी से सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से की थी.

मंजिंदर सिंह सिरसा (कैबिनेट मंत्री): वह भाजपा के एक प्रमुख सिख नेता हैं और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार धनवती चंदेला को 18190 वोटो से हराया. मनजिंदर सिंह सिरसा ने डीयू के श्री गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज में बीए (ऑनर्स) में दाखिला लिया था, लेकिन वह बीच में ही पढ़ाई छोड़कर बिजनेस में उतर गए थे. उन्होंने सिख समुदाय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है और उनके शपथ लेने से भाजपा को सिख समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है.

रवींद्र इंद्रराज सिंह (कैबिनेट मंत्री): उन्होंने पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है. 50 वर्षीय रवींद्र ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन किया है. 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने ‘आप’ उम्मीदवार जय भगवान उपकार को 31475 वोटों से हराया. पेशे से व्यवसायी रवींद्र इंद्रराज लंबे समय से दलित समुदाय के लिए काम करते रहे हैं. उन्हें उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और नेतृत्व कौशल के लिए जाना जाता है. कैबिनेट मंत्री के रूप में, उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे प्रशासनिक सुधारों में अहम योगदान देंगे.

कपिल मिश्रा (कैबिनेट मंत्री): कपिल मिश्रा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आम आदमी पार्टी से की थी. 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार में उन्हें जल और पर्यटन मंत्री बनाया गया था. 44 साल के कपिल मिश्रा को 2017 में दिल्ली सरकार के कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद 2019 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली. इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के मनोज कुमार त्यागी को 23355 वोटों से हराया. वह अपने स्पष्ट वक्तव्यों और सक्रिय राजनीति के लिए जाने जाते हैं.
आशीष सूद (कैबिनेट मंत्री): आशीष सूद भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और पार्टी का पंजाबी चेहरा हैं. वह जनकपुरी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने हैं, जहां उन्होंने ‘आप’ उम्मीदवार प्रवीण कुमार को 18766 वोटों से हराया. वह भाजपा दिल्ली प्रदेश के सचिव और महासचिव भी रहे हैं. साथ ही निगम की राजनीति में काफी समय से सक्रिय रहे हैं. इस बार के चुनाव में पंजाबी समुदाय ने भी भाजपा को जमकर वोट किया, इसलिए पंजाबी समाज को साधने के लिए और संगठन का विश्वस्त होने के चलते उनको पहली बार विधायक बनने पर ही कैबिनेट मंत्री बनने का मौका दिया जा रहा है. आशीष सूद छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं.

डॉ. पंकज सिंह (कैबिनेट मंत्री): बिहार मूल के डॉ. पंकज कुमार सिंह राजपूत समाज से आते हैं और भाजपा का पूर्वांचली चेहरा हैं. पंकज कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिला के रहने वाले हैं. इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने विकासपुरी से आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को 12876 वोटों से हराया है. उन्हें राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व देने और बिहार में चुनाव को देखते हुए पूर्वांचली समीकरण को साधने के लिए पहली बार विधायक बनने पर ही कैबिनेट मंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है.
भाजपा की रणनीति और संभावित लाभ: इस नई कैबिनेट के गठन से भाजपा ने विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों के नेताओं को शामिल करके संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है. प्रवेश वर्मा की उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से जाट और गुर्जर समुदाय का समर्थन मिलने की संभावना है, जबकि मंजिंदर सिंह सिरसा सिख समुदाय में पार्टी की पकड़ मजबूत करेंगे. वहीं कपिल मिश्रा और आशीष सूद जैसे नेताओं की भागीदारी से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी.
विभिन्न समुदायों का साथ: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में यह नई कैबिनेट दिल्ली के विकास और प्रशासन में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में कार्य करेगी. भाजपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों के बीच अपनी पकड़ बढ़ाने में सहायक हो सकती है. हालांकि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह टीम की जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है.