भूमि सर्वेक्षण के बीच इस जिले के रैयतों पर आई बड़ी आफत,अब जमीन नहीं बेच सकते

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य दो चरणों में चल रहा है, लेकिन इस दौरान रैयतों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले चरण में 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ, जबकि दूसरे चरण में 18 जिलों में यह काम धीमी गति से चल रहा है।

Bihar bhumi Land Survey of 16228 villages end of this year

जहानाबाद से खबर आई है कि सैकड़ों रैयत पिछले एक साल से अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। भूमि उपसमाहर्ता द्वारा जमीन के डिमांड को लॉक कर दिया गया है, और अनलॉक करने की कवायद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।

किसी को बेटी की शादी के लिए जमीन बेचनी है, तो किसी को इलाज के लिए। वहीं खाता लॉक होने के कारण जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। रैयत अनलॉक कराने के लिए अंचल कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है।

जहानाबाद के रैयतों का कहना है कि डिमांड लॉक रहने की वजह से जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो पा रही है, जिससे जरूरी काम के लिए लोग चाह कर भी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। जिले में सैकड़ों ऐसे जमीन के रैयत हैं, जिनकी डिमांड को सीओ की अनुशंसा पर भूमि उपसमाहर्ता द्वारा लॉक कर दिया गया था। लॉक करने की मुख्य वजह किसी के नाम में त्रुटि थी, तो किसी के रकबा में कमी। मामूली भूल की वजह से जमीन के रैयत परेशान हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए डिमांड लॉक को अनलॉक करने का अधिकार सीओ को दिया है। इसके बाद रैयत अपने डिमांड को अनलॉक कराने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है।

जमीन के कागजात में त्रुटि सुधार करने के लिए जमीन मालिक फिर से परिमार्जन प्लस में आवेदन कर रहे हैं, ताकि कागजात में हुई गलती की वजह से डिमांड लॉक जो हुई है, वह अनलॉक हो सके। जहानाबाद अंचल के सीओ सुधीर कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा लॉक डिमांड को अनलॉक करने की अधिसूचना निकाली गई है, लेकिन पोर्टल पर अभी तक नहीं आया है।

बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयतों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहानाबाद में जमीन के डिमांड लॉक होने से रैयत अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार ने डिमांड को अनलॉक करने का अधिकार सीओ को दिया है, लेकिन अभी तक पोर्टल पर इसकी सूचना नहीं आई है। रैयतों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा।

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