सीएम नीतीश ने लालू-राबड़ी राज की दिलाई याद, कहा- 2005 से पहले महिलाओं के लिए कोई काम नहीं हुआ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जनता दल यूनाईटेड के कार्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने पार्टी की महिला कार्यकर्ता और नेत्रियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी राज्य या देश के विकास में महिलाओं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है।

महिलाओं के सशक्तीकरण तथा उनकी सुरक्षा, शिक्षा एवं सामाजिक तथा आर्थिक विकास हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि महिलाओं के उत्थान के प्रति सदैव प्रयत्नशील रहें ताकि उनका सामाजिक एवं आर्थिक विकास हो सके और उन्हें एक सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिल सके।

महिलाएं बेखौफ होकर रात को भी सड़कों पर चल सकती हैं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा कि बिहार में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्होंने महिलाओं के लिए क्या किया है, क्योंकि बिहार में महिलाएं अब हर क्षेत्र में अग्रणी हैं।

मुख्यमंत्री ने खास तौर पर जीविका दीदियों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे आज गांव-गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। इसके अलावा, बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी भागीदारी को लेकर भी कई बदलाव हुए हैं। उन्होंने बताया कि आज बिहार में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सबसे अधिक है और महिलाएं आज कहीं भी बेखौफ होकर रात को भी सड़कों पर चल सकती हैं।

2005 से पहले महिलाओं के लिए कोई काम नहीं हुआ था

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू-राबड़ी राज पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले महिलाओं के लिए कोई काम नहीं हुआ था, न ही उनके उत्थान के लिए किसी ने गंभीरता से सोचा था। तब महिलाएं घर से बाहर भी नहीं निकल पाती थीं, लेकिन अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है।

महिलाएं अब राज्य के विकास में पूरी तरह से अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को दी गई सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण और पंचायतों तथा नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण की बात भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण भारती मेहता हैं, जिन्हें पार्टी ने अध्यक्ष बनाया है और उनसे अपेक्षा की है कि वे महिलाओं को और आगे बढ़ाने में मदद करें।

मुख्यमंत्री का यह संदेश स्पष्ट था कि बिहार सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लगातार प्रयासरत है और इस दिशा में काम करने के लिए न केवल योजनाएं बनाई जा रही हैं, बल्कि महिलाओं को हर स्तर पर सम्मान और अधिकार दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

 

 

 

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