दीपक कुमार | गायघाट ।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड स्थित शिवदाहा गांव की बेटी कुमारी विनीता ने अपनी मेहनत और हौसले से ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसने पूरे गांव को गर्व से भर दिया है। दिल्ली में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने विनीता को सम्मानित कर उनके संघर्ष और सफलता को सलाम किया।

विनीता अब पेशे से वकील बन चुकी हैं और दिल्ली में अपनी कानूनी प्रैक्टिस की शुरुआत कर चुकी हैं। एक छोटे से ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश की राजधानी तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन विनीता ने हर चुनौती को पार करते हुए अपने लक्ष्य को हासिल किया।
उनकी यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है, खासकर उन लड़कियों के लिए जिन्हें आज भी पढ़ाई-लिखाई और करियर बनाने से रोका जाता है।

पिता बने प्रेरणा और समर्थन का स्रोत
विनीता के पिता विजय कुमार श्रीवास्तव, एक साधारण शिक्षक हैं और शिशु कल्याण कोचिंग सेंटर के संचालक भी हैं। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। उनके समर्पण और संघर्ष ने ही विनीता को आज इस मुकाम तक पहुँचाया है।

“हिम्मत और हौसले से ही जीत मिलती है” – कुमारी विनीता
विनीता कहती हैं कि “वकालत के क्षेत्र में आने के लिए लड़कियों को आत्मविश्वास और हौसले की जरूरत होती है। अगर कोई लड़की ठान ले, तो वह किसी भी बाधा को पार कर सकती है।”
उनका मानना है कि समाज में बदलाव लाने के लिए बेटियों को अवसर देना होगा और परिवारों को उनकी क्षमता पर भरोसा करना होगा।

गांव में खुशी की लहर
विनीता की इस उपलब्धि से शिवदाहा गांव में खुशी की लहर है। ग्रामीणों ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि विनीता ने यह साबित कर दिया है कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती, बस जरूरत होती है मेहनत और सही दिशा की।
कुमारी विनीता की सफलता की कहानी न केवल लड़कियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सशक्त संदेश है — “अगर बेटियों को उड़ने के लिए पंख मिले, तो वे आकाश छू सकती हैं।”




