समाजवाद, साहित्य और सेवा के प्रतीक सुरेश अचल को 32वें पुण्यस्मरण पर दी गई श्रद्धांजलि, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित कई गणमान्य हुए शामिल”

मुजफ्फरपुर।शहर के सरैयागंज स्थित सुरेश अचल स्मारक पर आज स्वर्गीय कवि, पत्रकार, साहित्यसेवी, समाजसेवी और समाजवादी कार्यकर्ता सुरेश अचल जी की 32वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस स्मरण समारोह में बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

समारोह की शुरुआत उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी द्वारा स्वर्गीय सुरेश अचल के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण कर हुई। अपने संबोधन में उन्होंने सुरेश अचल जी के साहित्यिक योगदान, समाजवादी विचारधारा और जनहित में किए गए संघर्षों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अचल जी जैसे व्यक्तित्व आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी, राज्य सरकार के मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता, श्री रामसूरत राय, पूर्व मंत्री श्री सुरेश कुमार शर्मा, वरिष्ठ नेता श्री बसावन भगत, माननीय विधायक श्री विजेंद्र चौधरी, भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री राजेश कुमार वर्मा, मेयर श्रीमती निर्मला साहू और उपमहापौर डॉ. मोनालिसा सहित अनेक गणमान्य जनप्रतिनिधियों ने भी स्वर्गीय अचल जी को श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम के निवेदक श्री विवेक कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष, मुजफ्फरपुर पूर्वी एवं पूर्व उप महापौर, ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन की गरिमा को रेखांकित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हम सभी अतिथियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। सम्राट चौधरी जी का नेतृत्व बिहार को आगे ले जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज भूषण चौधरी और रामसूरत राय जी के सामाजिक सरोकारों से हम सभी प्रेरित हैं। केदार प्रसाद गुप्ता और सुरेश शर्मा जी का अनुभव हमारा मार्गदर्शन है। बसावन भगत, विजेंद्र चौधरी जी की जनसेवा अनुकरणीय है। राजेश वर्मा जी का संगठनात्मक कौशल और मेयर व उपमहापौर की उपस्थिति इस आयोजन को सार्थक बनाती है।

समारोह में स्थानीय नागरिकों, साहित्यप्रेमियों, पत्रकारों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और छात्र-छात्राओं की भी उपस्थिति रही। सभी ने एक सुर में सुरेश अचल जी के सिद्धांतों और योगदान को याद किया और उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया।

स्व. सुरेश अचल न केवल पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में बल्कि समाजसेवा, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में भी एक प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनके नाम पर बना स्मारक आज सामाजिक चेतना का प्रतीक बन चुका है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Muzaffarpur News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading