दीपक कुमार। गायघाट। बिहार के मुज़फ़्फरपुर जिले के गायघाट थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। भूसरा चौक में एक विक्षिप्त लड़की के साथ 68 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा देर रात दुष्कर्म किए जाने की घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और हैरानी की लहर दौड़ा दी है।

सीसीटीवी ने खोला कुकर्म का राज
घटना का खुलासा तब हुआ जब भूसरा चौक स्थित एक गुमटी में नीजी सीएसपी बैंक काउंटर के संचालक ने सुबह गुमटी खोलने के दौरान काउंटर गिरा पाया। उसने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो दृश्य देखकर हैरान रह गया — कैमरे में एक बुजुर्ग व्यक्ति एक विक्षिप्त युवती के साथ दुष्कर्म करते हुए साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा था।
जब वीडियो को ज़ूम करके देखा गया तो आरोपी की पहचान स्थानीय निवासी सकल पासवान (उम्र लगभग 68 वर्ष) के रूप में हुई।

लड़की निकली विक्षिप्त, आरोपी की खुली पोल
पीड़िता की पहचान एक मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की के रूप में हुई है, जो अक्सर क्षेत्र में भटकती रहती थी। स्थानीय लोगों ने जब सकल पासवान से घटना को लेकर पूछताछ की तो उसने साफ़ इनकार कर दिया। लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची और उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, तो वह शांत हो गया और अपनी गलती स्वीकार कर ली। उसने पुलिस के सामने कहा कि,
“लड़की को नग्न देख कर मेरा मन बहक गया।”
पुलिस ने तत्काल की गिरफ्तारी, पीड़िता मेडिकल जांच को भेजी गई
थानाध्यक्ष उमाकांत सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही विक्षिप्त पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई तेज़ी से की जा रही है।
जनता में आक्रोश, सीसीटीवी न होता तो बच निकलता दरिंदा
घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर गुमटी में सीसीटीवी कैमरा नहीं होता, तो यह घटना कभी सामने नहीं आती और आरोपी सफेदपोश बनकर बेगुनाहों को निशाना बनाता रहता। लोगों ने ऐसे अपराधियों के लिए सख़्त सजा की मांग की है।

इस जघन्य घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में कमज़ोर और असहाय वर्ग की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ़ परिवार नहीं, बल्कि समाज और शासन दोनों की है।
साथ ही यह घटना इस बात का प्रमाण भी है कि तकनीक जैसे सीसीटीवी कैमरे अब न्याय की दिशा में अहम हथियार बनते जा रहे हैं।
“दरिंदगी उम्र नहीं देखती — मानवता को निगलने वाला चेहरा कभी-कभी सबसे शांत मुखौटे के पीछे छिपा होता है।”
अब ज़रूरत है कि समाज जागे, और ऐसे वहशी मानसिकता वालों को समय रहते बेनकाब कर सके।
