मुजफ्फरपुर : उमानगर ब्रांच में वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के तहत भव्य शिविर का आयोजन।
ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सशक्तिकरण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंक ऑफ बड़ौदा, मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा उमानगर में वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान के अंतर्गत एक भव्य शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन ग्रामीण ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने और सरकार की विभिन्न जन-हितैषी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाने की दिशा में एक सराहनीय पहल रही।

इस अवसर पर पटना अंचल के उप महाप्रबंधक (व्यवसाय विकास) श्री राकेश सिंह, मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय प्रमुख श्री प्रखर कुमार, और उप क्षेत्रीय प्रमुख श्री सुबोध कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। इनके साथ-साथ 250 से अधिक जीविका समूहों की महिलाएं, व्यवसाय संवाददाता (BCs) और स्थानीय ग्राहकगण भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे, जिससे यह शिविर एक जनसहभागिता पूर्ण आयोजन में तब्दील हो गया।

योजनाओं की जानकारी और जागरूकता
कार्यक्रम में उपस्थित उप महाप्रबंधक श्री राकेश सिंह ने ग्राहकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय उत्पादों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए ग्रामीण ग्राहकों को सतर्क और जागरूक रहने की सलाह दी।
ग्राहकों को मिला योजनाओं का लाभ
शिविर के दौरान 100 से अधिक नए खाते खोले गए, साथ ही कई ग्राहकों का बीमा और पेंशन योजनाओं के अंतर्गत नामांकन भी किया गया। मौके पर उपस्थित क्षेत्रीय प्रमुख श्री प्रखर कुमार और उप क्षेत्रीय प्रमुख श्री सुबोध कुमार ने ग्राहकों के सवालों का जवाब देकर उन्हें योजनाओं से जुड़ी तकनीकी जानकारी भी प्रदान की।

बैंकिंग सेवा के जरिए ग्रामीण सशक्तिकरण
बैंक ऑफ बड़ौदा की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि बैंक सिर्फ वित्तीय संस्थान नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास का एक माध्यम बन चुका है। इस शिविर ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच को और अधिक सशक्त बनाने का कार्य किया है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया कि यदि सरकारी योजनाओं को सही माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जाए, तो ग्रामीण भारत का आर्थिक आधार मजबूत किया जा सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का यह प्रयास ‘वित्तीय समावेशन’ को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का एक जीवंत उदाहरण बन गया है।

