
MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : देश में आतंकवाद के समान ही एक दूसरी बड़ी चुनौती है नक्सलवाद. आए दिन नक्सली हिंसा की घटनाएं देखने और पढ़ने को मिलती हैं. बिहार पुलिस द्वारा नक्सलियों पर काबू करने की कोशिशें सफल होती दिखाई दे रहीं हैं. पिछले छह माह के दौरान बिहार पुलिस ने कई बड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सली संगठन को बैकफुट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है. मुजफ्फरपुर एसटीएफ ने गत 30 अप्रैल को हार्डकोर नक्सली रमेश पासवान को मुठभेड़ में मर गिराने के साथ ही 3 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था और हथियार भी बरामद किया गया था. मदन भगत, सीपीआई माओवादी संजय राम ओमप्रकाश पासवान, प्रिंस जैसे नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.

गुरुवार 16 मई को बिहार एसटीएफ की टीम को दो बड़ी कामयाबी मिली है. कुख्यात व वांटेड नक्सली के साथ-साथ 50 हजार रुपए के एक ईनामी अपराधी को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. हालांकि ये दोनों ही बड़ी कामयाबी एसटीएफ को दो अलग-अलग जगहों से प्राप्त हुई है. जिस कुख्यात नक्सली को एसटीएफ की टीम ने अपने गिरफ्त में लिया है, उसकी पहचान कैलाश ठाकुर उर्फ प्रभात जी उर्फ नेता जी के रूप में की गई है. शिवहर जिले के पुरनहिया निवासी कुख्यात नक्सली कैलाश ठाकुर उर्फ़ नेताजी पर नक्सल गतिविधियों को अंजाम देने के साथ ही लेवी, हत्या, लूट और डकैती के करीब एक दर्जन से अधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

काफी समय से बिहार पुलिस को इस कुख्यात हार्डकोर नक्सली की तलाश थी. एसटीएफ की टीम काफी समय से इसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही थी. जब कैलाश ठाकुर शिवहर स्थित पुरनहिया में अपने घर पर था, तभी एसटीएफ की टीम ने छापेमारी और घेराबंदी कर इसे गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने सीतामढ़ी, शिवहर व मुजफ्फरपुर की कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है. पुलिस उसकी निशानदेही पर गुरुवार की देर रात तक पश्चिमी व पूर्वी इलाके के कई जगहों पर छापेमारी में जुटी रही.

प्राप्त जानकारी के अनुसार नेता जी वर्ष 2011 से नक्सली संगठन का सक्रिय सदस्य बताया जाता है. नक्सली सुनील राउत के संपर्क में आने के बाद नेताजी ने माओवाद संगठन का दामन थामा और वर्तमान में संगठन का सक्रिय सदस्य बताया जाता है. शिवहर जिले के पुरनहिया निवासी कैलाश ठाकुर उर्फ प्रकाश जी उर्फ नेता जी नक्सल संगठन में महत्वपूर्ण पद पर रहा है. गिरफ्तार नक्सली कैलाश ठाकुर उर्फ़ नेताजी का मुख्य कार्य संगठन का विस्तार कर इलाके में माओवाद के प्रचार-प्रसार के साथ ही संगठन को मजबूती देने हेतु लेवी वसूलने से लेकर हथियारों के प्रबंधन व इलाके में नक्सल वारदातों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करना है.

नेताजी द्वारा इलाके के संवेदकों, निर्माण एजेंसियों, व्यवसायियों व अन्य से लेवी वसूली जाती रही है. कैलाश ठाकुर उत्तर बिहार भाकपा माओवादी उत्तर-पश्चिम जोनल कमेटी के प्रमुख राजन जी व लाल बाबू सहनी उर्फ भाष्कर जी का करीबी शागिर्द बताया जाता है. विदित हो की 25 सितम्बर 2015 को सीतामढ़ी एवं शिवहर पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर शिवहर जिले के पुरनहिया थाना क्षेत्र अर्न्तगत बसंतपट्टी गांव से दो हार्डकोर नक्सली कैलाश ठाकुर उर्फ नेता जी एवं विकास राउत को गिरफ्तार किया था.

इस सम्बन्ध में तिरहुत प्रक्षेत्र के जोनल आईजी ने कहा की नक्सलियों के खिलाफ बिहार पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी, और नक्सली क्षेत्रो में लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाकर नक्सल संगठनों की कमर तोड़ कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जायेगा. 2014, 2016 और 2017 में विभिन्न इलाकों के दो दर्जन से अधिक महिला और पुरुष नक्सलियों को मुख्य धारा से भी जोड़ा गया था, जिसमें विध्वंसक वारदात में संलिप्त रहा पूर्वी चम्पारण के बहुआरा निवासी हार्डकोर नक्सली विनय कुमार उर्फ़ विनय राम, भाकपा (माओवादी) उत्तर बिहार सब जोनल कमेटी के कमांडर मिथिलेश राम भी शामिल था.

बिहार एसटीएफ को दूसरी सफलता बेगूसराय में प्राप्त हुई जहां से पटना जिला के कुख्यात व 50 हजार ईनामी अपराधी बमबम सिंह उर्फ बनरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. बनरा की तलाश भी पुलिस को लंबे वक्त से थी. पटना जिला से भाग कर इसने बेगूसराय को अपना ठिकाना बना रखा था. पटना जिला के मरांची थाना क्षेत्र के रहने वाले इस कुख्यात अपराधी पर हत्या, लूट, डकैती और रंगदारी के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. एसटीएफ के हत्थे चढ़े इस अपराधी ने अपने इलाके में काफी दहशत फैला रखी थी. बमबम सिंह की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस के साथ-साथ आम लोगों ने भी राहत की सांस ली है.
