बड़े स्तर पर जीका वायरस का प्रभाव, दो इलाकों में अब तक मिले 32 मरीज

जयपुर। प्रदेश की राजधानी में जीका वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केन्द्र की एक और टीम जयपुर पहुंची। टीम ने शास्त्री नगर इलाके के साथ सिंधी कैंप क्षेत्र का दौरा किया और सैंपल लिए। टीम यह भी पता करने में लगी है कि आखिर इतने बड़े स्तर पर जीका वायरस का प्रभाव जयपुर में कैसे है। जयपुर को छोड़कर देश में कहीं भी जीका वायरस नहीं पाया गया है

वायरस का स्रोत पता नहीं लगा

पिछले 12 दिनों से जयपुर और केन्द्र की टीम यह पता करने में नाकाम रही है कि वायरस कहां से आया। 22 सितंबर को शास्त्रीनगर की 82 वर्षीया बुजुर्ग में सबसे पहले जीका का केस सामने आया था। विभाग पहले तो मामले को दबाता रहा, लेकिन एक के बाद एक 29 जीका पॉजिटिव इसी इलाके में मिल गए।

पहला केस सामने आने के बाद से अब तक 32 केस सामने आ चुके हैं और अब पूरे शहर में जीका वायरस के होने की संभावना बढ़ गई। पीएमओ ने भी सरकार से पूरे मामले में हर एक गतिविधि की जानकारी मांगी है।

शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले को दबाने का कोशिश करता रहा है। यही कारण है कि जीका का संक्रमण इतना बढ़ गया। राज्य सरकार की तरफ से भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।

चिकित्सा विभाग लापरवाह बना रहा

पिछले साल फरवरी में गुजरात के अहमदाबाद में तीन और पिछले साल ही जुलाई में तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक केस मिला था। देश में इस साल जीका का अब तक जयपुर को छोड़कर कहीं कोई केस सामने नहीं आया है। 29 मरीज इसी इलाके में मिलने के बाद विभाग चेता।

शहर में जीका का संक्रमण फैलता रहा। चिकित्सा विभाग दावा करता रहा कि शास्त्री नगर के बाहर जीका का असर संभव नहीं है।गुरुवार को तीन मरीज सिंधी कैंप इलाके में मिले। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया।

क्या है जीका वायरस, कैसे चपेट में लेता है?

एडीज मच्छर के काटने से होता है। शारीरिक संबंध बनाने और खून चढ़ाने से भी इसके फैलने की संभावना रहती है। गर्भवती मां से गर्भस्थ शिशु में जा सकता है।

पहचान किस तरह हो सकती है?

जीका के भी डेंगू व उस जैसी बीमारियों से मिलते-जुलते लक्षण ही होते हैं। सिरदर्द, बेचैनी, जोड़ों में दर्द, बुखार होना जीका के लक्षण हैं।

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