जेट एयरवेज को एक और झटका लगा। वैसे तो जेट का परिचालन तो अप्रैल में ही बंद हो गया था। अब एविएशन रेगुलेटर ने कंपनी के इंजीनियरिंग विभाग का ऑथराइजेशन भी रद्द कर दिया है यानी जेट का इंजीनियरिंग विभाग अब कामकाज नहीं कर सकेगा।

डीजीसीए द्वारा उठाए गए इस कदम का सीधा असर कंपनी के विमानों और एसेट्स पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि विमानों को उड़ान न भरने के बावजूद मेंटेनेंस की जरूरत होती है। जेट एयरवेज में लगभग 500 इंजीनियर्स हैं। जेट के पास अब मात्र 14 विमान हैं। अन्य विमान कंपनी ने लीज पर लिए थे, लेकिन मंथली रेंटल न भरने के कारण उन्हें लीज पर देने वाली कंपनियों ने डीरजिस्टर कर दिया है।
इस संदर्भ में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ‘जेट एयरवेज अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए विमानों के मेंटेनेंस के न्यूनतम मापदंड को पूरा नहीं कर रही थी इसलिए यह कार्रवाई की गई है।’
