अभिनेता से नेता बने सनी देओल ने भाजपा के टिकट पर ने लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर से चुनाव लड़ा था। सनी के कैंप ऑफिस जनपथ से जारी एक पत्र ने उन्हें वि’वादों में ला दिया है। इस पत्र में अनुसार गुरप्रीत सिंह हलके के महत्वपूर्ण मुद्दों और मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए आधिकारिक तौर पर सनी देओल के प्रतिनिधि होंगे।
इस पत्र के वायरल होते ही जहां क्रांगेस इसे धो’खा बता रही है तो साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स भी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा- ‘आप का दोष नहीं ये संगत है बीजेपी की। MP चुनते है मिलता प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री चुनते है मिलता चौकीदार, प्रधान सेवक, फकीर, प्रचारमंत्री पर जनता को ये सब मंजूर है। आप भी अपने पिता जी की तरह बतौर MP काम करना।’

एक और यूजर ने लिखा- ‘लोकप्रियता के आधार पर तो चुनते है लेकिन ये लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते है। भारत का विकास खाक होगा।’
एक यूजर ने लिखा- ‘जब खुद काम करना नहीं होता है तो ये लोग लड़ते ही क्यों हैं चुनाव?’
सनी के इस फैसले से भाजपा के वर्कर और दिग्गज नेता भी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। गुरप्रीत सिंह मोहाली के रहने वाले हैं और उन्हें भी हलके संबंधी उतनी ही जानकारी है जितनी सांसद सनी देओल को।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि क्या गुरदासपुर में मजाक चल रहा है, अपना प्रतिनिधि ही भेजना था तो सनी देओल उसे ही चुनाव लड़वा देते।
