आज शनिवार है भगवान शनिदेव का दिन है .न्याय के देवता और यमराज के भ्राता सूर्यपुत्र शनिदेव कहते हैं ये एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनके क्रो’ध से इंसान तो क्या देवता भी कां’पते हैं. जिस किसी पर भी शनिदेव की वक्र दृ’ष्टि प’ड़ जाती है. उसके तो सभी बने बनाए काम बि’गड़ जाते है. ऐसा नहीं है कि शनिदेव सिर्फ बु’रे कर्मों का फल देते है. न्यायाधीश शनिदेव तो सच्चे और ईमानदार लोगों को भी उनके अच्छे कर्मों का फल देते हैं. कहते हैं शनिदेव की कृपा से तो रं’क भी राजा बन जाता है. मान्यता है कि जो भी जातक शनि से जुड़े दान और उनके मंत्रों का जाप करता है, उसे बढ़ते क’र्ज से मु’क्ति पाने में मदद मिलती है.

नीचे लिखे मंत्र से जाने-अ’नजाने हुए बु’रे क’र्म व विचार के लिये क्ष’मा मांग आने वाले वक्त को सुखद व सफल बनाने की कामना करें –
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

शनिदेव पर तेल चढ़ाये और शनिदेव जी के मंत्र का जाप करे ।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र – ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।शनि देव का एकाक्षरी मंत्र – ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।शनि देव जी का गायत्री मंत्र – ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।



Input: Patrika