
MUZAFFARPUR : अहियापुर थाना के नवनियुक्त थानाध्यक्ष संजीव शेखर झा को बिहार मद्य नि’षेध मामलों का आ’रोपी पाते हुये हटा दिया गया है. वहीं मामले में मुजफ्फरपुर जोन के जोनल आईजी ने जांच की बात कही है. हालांकि थानाध्यक्ष के आ’रोपमुक्त होने की बात कही जा रही है, पर इस सम्बन्ध कोई पुख्ता सबूत न होने के कारण पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा अनभिज्ञता जाहिर करते हुये जांच की बात कही जा रही है. इस बीच शनिवार देर रात मुख्यालय के मद्य नि’षेध विभाग द्वारा जारी सूची में मद्य नि’षेध अधि’नियम के तहत दो’षी पाये गये 15 जिलों के 41 पुलिसकर्मियों की सूची में आ’रोपमुक्त बताये जा रहे उक्त थानाध्यक्ष का भी नाम अंकित होने की वजह से उल’झन की स्थिति बनी है.

इस सम्बन्ध में मुजफ्फरपुर न्यूज में सारे तथ्यों के साथ प्रमुखता से खबर प्रेषण किया गया था, जिसके आधार पर शनिवार देर रात डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय द्वारा संज्ञान लेते हुये मुजफ्फरपुर जोन के जोनल आईजी गणेश कुमार को जांच कर अहियापुर थानाध्यक्ष को तत्काल हटाने के आदेश दिये थे. पुलिस मुख्यालय के मद्य नि’षेध मामले में जां’चोपरांत दो’षी पाये पुलिसकर्मियों की 6 जुलाई 2019 को जारी रिपोर्ट में भी जिलादेश संख्या 1109/2018 दिनांक 26.06.2018 के आलोक में अहियापुर थानाध्यक्ष संजीव शेखर झा के नाम का उल्लेख पाया गया.

वहीं इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार संजीव शेखर झा को अहियापुर थानाध्यक्ष पद से फिलहाल हटा दिया गया है. बताया जाता है कि उक्त मामले में वो आ’रोप मुक्त हो चुके है और इस सम्बन्ध में मुख्यालय को पत्र भी लिखा गया है. मुख्यालय के मार्गदर्शन निर्देश के आलोक में आगे की कार्रवाई की जायेगी.

मामले में मुजफ्फरपुर जोन के जोनल आईजी गणेश कुमार ने कहा कि अहियापुर थानाध्यक्ष को तत्काल हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि संजीव शेखर झा के अहियापुर थानाध्यक्ष की नियुक्ति मामले में मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि उक्त मामले में अहियापुर थानाध्यक्ष को पटना सेन्ट्रल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार द्वारा आ’रोपमुक्त किया जा चुका है, जिसके आधार पर उनकी प्रतिनियुक्ति अहियापुर थानाध्यक्ष के पद पर की गई थी.


MUZAFFARPUR : अहियापुर के नवनियुक्त थानाध्यक्ष मद्य निषेध मामलों के आ‘रोपी! 2018 से दस वर्षों तक थानाध्यक्ष बनने पर थी रोक
जोनल आईजी श्री कुमार ने मुजफ्फरपुर न्यूज से बातचीत के दौरान सं’शय जताते हुये कहा कि जब वे आरोपमुक्त हो चुके थे तो मुख्यालय के मद्य निषेध विभाग द्वारा जारी 6 जुलाई को जारी अधिसूचना में दो’षी पुलिसकर्मियों में उनका नाम कैसे शामिल है. साथ ही उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि जब तत्कालीन जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान द्वारा आ’रोप गठित कर मद्य निषेध अधि’नियम के तहत जांचोपरांत दो’षी पाते हुये अगले 10 वर्षों तक किसी महत्वपूर्ण पद से वं’चित रखने के आदेश जारी कर दिये थे तो डीआईजी द्वारा आ’रोपमुक्त कैसे किये गये, ये विभागीय जां’च का विषय है. विभागीय जां’चोपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

गौरतलब हो कि पाटलीपुत्रा थाना कांड संख्या 156/17 में पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज द्वारा जांचोपरांत संजीव शेखर झा को दो’षी पाते हुये पटना के जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान को प्रतिवेदन समर्पित किया था, जिसके आधार पर संजीव शेखर झा को मद्य निषेध अधि’नियम के तहत जून 2018 में अधि’सूचना जारी करते हुये अगले दस वर्षों तक थानाध्यक्ष/ओपी अध्यक्ष पद जैसे किसी भी महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनियुक्ति पर रो’क लगा दी गयी थी.

आईजी नैय्यर हसनैन खां ने कार्रवाई की प्रति मद्य निषेद विभाग के आईजी, मुजफ्फरपुर के आईजी सुनील कुमार, डीआईजी अनिल कुमार सिंह, एसएसपी हरप्रीत कौर एवं पटना के डीआईजी, एसएसपी को भी प्रेषित किया था. जिस मामलें में 6 जुलाई 2019 को प्रथम अधिसूचना भी जारी कर दी गयी थी. जिसमें 15 जिलों के मद्य निषेध अधिनियम के तहत दोषी पाये गये 41 पुलिसकर्मियों की सूची में संजीव शेखर झा का नाम का भी उल्लेख किया गया है.


