आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस को लेकर दुनियाभर की तमाम टेक्नोलॉजी कंपनियां काम कर रही हैं। एआई अब इंसानों से बात करने में सक्षम हो गए हैं और साथ ही एआई अब इंसानों जैसे समझदार भी होने लगे हैं। कई रोबोट्स में इनका बखूबी इस्तेमाल हो रहा है। आई अब आपकी आवाज सुनकर बता सकता है कि आप डि’प्रेशन में हैं या नहीं।
यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के कंप्यूटर साइंस के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक इजाद की है, जो लोगों को डि’प्रेशन से उबरने में मदद करेगी। खास बात यह है कि यह तकनीक अव’सादग्रस्त लोगों की पहचान उनकी आवाज से करेगी।

आई वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अव’सादग्रस्त देशों में भारत छठवें स्थान पर है। भारत में 5.6 करोड़ लोग अवसाद से पीड़ित हैं, वहीं 3.8 करोड़ लोग चिड़चिड़ेपन और घबराहट जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
तकनीक को तैयार करने वाले मशरुरा तनसिम और प्रोफेसर ऐलिनी स्ट्रॉयुलिया के मुताबिक अव’साद का पता लगाने के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जाएगा। एप से डाटा उस वक्त लिया जाएगा जब इंसान सामान्य बातें कर रहा होगा। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन की वजह से ही आत्महत्या कर रहे हैं।
