भारत की सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रिजर्व बैंक लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती कर सकता है। एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई अपने नरम रुख को बरकरार रख सकता है।
17 से 24 जुलाई के बीच 66 अर्थशास्त्रियों में कराए सर्वे में 80 फीसदी ने अगस्त में एक बार फिर मुख्य ब्याज दर में कटौती का अनुमान जताया।

उन्होंने कहा कि आरबीआई 0.25 फीसदी घटाकर रेपो रेट को 5.50 फीसदी पर ला सकता है। तीन अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस बार 50 आधार अंकों की कटौती हो सकती है, जबकि 10 ने यथास्थिति बरकरार रखने का अनुमान जताया।
कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशियाई अर्थशास्त्री गेरेथ लीथर ने कहा कि महंगाई में नरमी और विकास दर की सुस्ती को देखते हुए एक और कटौती होने जा रही है।
इतना ही नहीं 2020 की शुरुआत में एक बार फिर रेपो रेट नीचे आएगी और 5.25 फीसदी पर अगले एक साल तक स्थिर रहेगी।
