
PATNA (ARUN KUMAR) : राज्य सरकार द्वारा सूबे के सभी पुलिस थानों में अनुसन्धान इकाई एवं विधि व्यवस्था इकाई को अलग-अलग करने के लिए तंत्र विकसित करने के सम्बन्ध में गृह विभाग की विशेष शाखा द्वारा शुक्रवार को एक संकल्प पत्र जारी कर मानव संसाधन कार्यालय की व्यवस्था, क्षेत्रीय कार्यालयों में विधि व्यवस्था शाखा और उनकी जिम्मेवारियाँ, कार्यक्षेत्र, अपर पुलिस महानिदेशक (विधि एवं व्यवस्था) एवं पुलिस मुख्यालय में सहयोग हेतु उनके अधीनस्थ पदाधिकारियों की जिम्मेवारी, पर्यवेक्षण की प्रक्रिया, दं’गा निरोधी बल की भूमिका, संरचना, उनके वाहन व हथि’यार-उपकरण, पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस उपमहानिरीक्षकों की भूमिका, प्रतिनियुक्ति समेत कई आवश्यक बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिए गए हैं. बिहार के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. अपर मुख्य सचिव के अनुसार गृह विभाग के इस निर्णय से पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में मौलिक परिवर्तन आएगा, साथ ही क्रियान्वयन के दौरान एवं उसके उपरांत वरिये पदाधिकारियों द्वारा निरंतर मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण की आवश्यकता होगी. इस हेतु तंत्र विकसित करने की दिशा में यह का’र्रवाई की जा रही है.

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में विधि व्यवस्था शाखा स्थापित की जाएगी जिसमें रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) और पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के अधीन एक पुलिस उपाधीक्षक, 1-3 पुलिस निरीक्षक, 2-3 पुलिस अवर निरीक्षक और 3 सहायक अवर निरीक्षक/सिपाही होंगे. दूसरे क्रम में वरिये पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के अधीन 1-2 पुलिस निरीक्षक, 1-3 पुलिस अवर निरीक्षक, 3-5 सहायक अवर निरीक्षक/सिपाही तैनात होंगे. जिले के क्षेत्रफल के अनुसार संख्या का निर्धारण एसएसपी/एसपी कर सकते हैं. वहीं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) के अधीन 1 पुलिस अवर निरीक्षक और 1-2 सहायक अवर निरीक्षक/सिपाही की प्रतिनियुक्ति होगी. अंचल पुलिस निरीक्षक के अधीन 1 पुलिस अवर निरीक्षक और 1-2 सहायक अवर निरीक्षक/सिपाही की तैनाती होगी.

जारी आदेशानुसार क्षेत्रीय कार्यालयों में विधि व्यवस्था शाखा द्वारा पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए आदेशों/निदेशों का क्रियान्वयन, विधि व्यवस्था से सम्बंधित संचिकाओं, अभिलेखों एवं दस्तावेजों का संधारण, आंकड़ों का संकलन, विश्लेषण व उपस्थापन करना, विधि व्यवस्था संधारण हेतु आदेश/निदेश निर्गत करने के साथ ही रेंज के आईजी, डीआईजी, एसएसपी/एसपी को विधि व्यवस्था संधारण में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे.
अपर मुख्य सचिव श्री सुबहानी ने कहा की पुलिस महानिदेशक कार्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) के सहयोग हेतु पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रतिनियुक्त एक पुलिस महानिरीक्षक (आईजी)/पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कार्यरत होंगे और प्रतिनियुक्त आईजी/डीआईजी के अधीन तीन पुलिस उपाधीक्षक (विधि व्यवस्था-1,2,3) तैनात होंगे. पुलिस मुख्यालय में विधि व्यवस्था के कार्यों के निष्पादन हेतु तीन शाखाये कार्यरत होंगी जिनमे प्रत्येक शाखा एक-एक पुलिस उपाधीक्षक के अधीन होगी जो क्षेत्रीय कार्यालयों की तर्ज पर ही कार्य करेगी और
विधि व्यवस्था की शाखा एक एवं दो भूमि वि’वाद, सांप्रदा’यिक विवाद, जा’तीय वि’वाद, बिजली, सड़क, पानी जनसुविधाओं से जुडी घट’नाएं, छात्र आंदो’लन, किसानों से जुड़े मामले जैसे घट’नास्थल विशेष तक सीमित मामलों में कार्य करेगी.
वहीं विधि व्यवस्था शाखा 3 वैसे मामलों से सम्बंधित कार्य करेगी जिसमे सम्पूर्ण राज्य अथवा उसके एक बड़े भाग में समेकित रूप से कार्रवाई करनी है. जैसे चुनाव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, धा’र्मिक पर्व-त्यौहार आदि, और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे अति विशिष्ट व्यक्तियों की यात्रा जैसे मामलों की जिम्मेवारी होगी. विधि व्यवस्था की शाखा 1 का कार्यक्षेत्र गंगा नदी के उत्तर से सभी जिले होंगे, शाखा 2 का कार्यक्षेत्र गंगा नदी के दक्षिण के सभी जिले होंगे, वहीं शाखा 3 का कार्यक्षेत्र समस्त बिहार राज्य नियुक्त किया गया है.

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) एवं पुलिस मुख्यालय में उनके अधीनस्थ पुलिस पदाधिकारी राज्य में विधि व्यवस्था संधारण और उनकी क्षमता का विकास, संवेदनशील मौकों पर क्षेत्रीय पदाधिकारियों आवश्यक दिशा-निर्देश देना, विधि व्यवस्था की स्थिति पैदा होने की आशं’का होने से लेकर उसके दौरान और स्थिति सामान्य होने तक उसकी मॉनिटरिंग करना, विधि व्यवस्था में लगे बलों को अपग्रेड, आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण की कार्ययोजना तैयार करना और उनकी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग, विधि व्यवस्था हेतु लिए गए निर्णयों का क्रियान्वयन, दो’षी व्यक्तियों के विरुद्ध त्वरित एवं समेकित का’र्रवाई सुनिश्चित करना, नियमित क्षेत्रीय भ्रमण कर विधि व्यवस्था स्थिति का आकलन करना और विधि व्यवस्था की स्थिति से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अवगत कराना तथा उनके निदेश प्राप्त कर उसका क्रियान्वयन करने के निदेश दिए गए हैं.

विधि व्यवस्था संधारण के सम्बन्ध में रेंज के आईजी/डीआईजी की जिम्मेवारियां भी इसी तर्ज पर होंगी. साथ ही विधि व्यवस्था की सम’स्या उत्पन्न होने पर स्वयं उपस्थित रहकर पुलिस टीम का नेतृत्व करेंगे. पर्यवेक्षण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण निदेश जारी किये गए हैं. जिसमे विधि व्यवस्था की सभी एसआर (वृहत) घ’टनाओं का पर्यवेक्षण कम से कम डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों द्वारा किया जाये जबकि नॉन एसआर (मामूली) घट’नाओं का पर्यवेक्षण पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) द्वारा की जाये.

अंचल पुलिस निरीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवम एसएसपी/एसपी द्वारा माह में कम से कम एक बार मासिक विधि व्यवस्था गोष्टी का आयोजन किया जाये जिसमे अपने क्षेत्राधिकार के विधि व्यवस्था के स्थिति की समीक्षा की जाये. मासिक गोष्टी के आधार पर मासिक विधि व्यवस्था समीक्षा अभिलेख तैयार किया जायेगा जिसमें विधि व्यवस्था के आंकड़े और महत्वपूर्ण घटनाओ की समीक्षा व विश्लेषण अंकित की जाएगी. वरीय पदाधिकारियों द्वारा प्रतिष्ठानों के निरिक्षण के क्रम में विधि व्यवस्था के आंकड़े और उसकी स्थिति की समीक्षा कर निरीक्षण टिपण्णी में इन्हे अंकित किया जायेगा.
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