Raksha Bandhan 2019: 15 अगस्‍त को है रक्षाबंधन, जानिए शुभ मुहूर्त, राखी बांधने का सही तरीका, महत्‍व और मान्‍यताएं…

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) सिर्फ त्‍योहार नहीं बल्‍कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्‍ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्‍यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है. रक्षा बंधन का त्‍योहार हिन्‍दू धर्म के बड़े त्‍योहारों में से एक है, जिसे देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. यह त्‍योहार भाई-बहन के अटू’ट रिश्‍ते, बेइंतहां प्‍यार, त्‍या’ग और समर्पण को दर्शाता है.

इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) या रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) बांधकर उसकी लंबी आयु और मंगल कामना करती हैं. वहीं, भाई अपनी प्‍यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर (Rakhi Gifts) हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं. यह इस त्‍योहार की खासियत है कि न सिर्फ हिन्‍दू बल्‍कि अन्‍य धर्म के लोग भी पूरे जोश के साथ इस त्‍योहार को मनाते हैं.

रक्षाबंधन कब है?
हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्‍योहार हर साल श्रावण या सावन महीने की पूर्णिमा (Sawan Purnima) को मनाया जाता है. ग्रगोरियन कैलेंडर के अुनसार यह त्‍योहार हर साल अगस्‍त के महीने में आता है. इस बार रक्षाबंधन 15 अगस्‍त (Raksha Bandhan Date Time) को है. 15 अगस्‍त (15 August) के दिन ही भारत के स्‍वतंत्रता दिवस (Independence Day) की 72वीं वर्षगांठ भी है. रक्षाबंधन हिन्‍दू धर्म के सभी बड़े त्‍योहारों में से एक है.

खासतौर से उत्तर भारत में इसे दीपावली या होली की तरह ही पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. यह हिन्‍दू धर्म के उन त्‍योहारों में शामिल है जिसे पुरातन काल से ही मनाया जा रहा है. यह पर्व भाई बहन के अटू’ट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है. यह इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्‍नेह के धागे से बांध लेती है. देश के कई हिस्‍सों में रक्षाबंधन को अलग-अलग तरीके से भी मनाया जाता है. महाराष्‍ट्र में सावन पूर्णिमा के दिन जल देवता वरुण की पूजा की जाती है. रक्षाबंधन को सलोनो नाम से भी जाना जाता है.

मान्‍यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्‍य देने से सभी पापों का नाश हो जाता है. इस दिन पंडित और ब्राह्मण पुरानी जनेऊ का त्‍या’ग कर नई जनेऊ पहनते हैं. मान्‍यताओं के अनुसार रक्षाबंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर में राखी बांधनी चाहिए. अगर अपराह्न का समय उपलब्‍ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है. कहा जाता है कि भद्र काल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भ’द्र काल में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वना’श हो गया था. इस बार राखी बांधने का मुहूर्त काफी अच्छा है. बहनें सूर्यास्त से पूर्व तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं
राखी बांधने का समय: 15 अगस्‍त 2019 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक

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