#Indore #National इंदौर बाइपास से बैतू’ल मार्ग पर देवगुराडिय़ा पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर अपनी प्राचीनता के साथ ही अपनी मान्यताओं के लिए वि’ख्यात है। भगवान शिव का एक हजार साल से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर में प्रतिवर्ष सावन माह में पहाड़ी जल से शिवजी का प्राकृतिक अभिषेक होता है। मंदिर में शिवलिंग के ऊपर की तरफ बने नंदी के मुख से सावन-भादाे के महीने में प्रतिवर्ष प्राकृतिक जल निकलता है, जो सीधे शिवलिंग पर गि’रता है और मंदिर के दरवाजे के बाहर बने अमृतकुं’ड में भर जाता है।

ऐसा एक-दो साल से नहीं, बल्कि जब से मंदिर बना है तब से हो रहा है।एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना
1. इंदौर बायपास से एनएच 59 बै’तूल मार्ग पर देवगुराड़िया पहाड़ी पर भगवान शिव का अ’द्भुत मंदिर है। यह एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। माना जाता है, देवगुराड़िया शिव मंदिर और शिवलिंग पूर्व समय में जमीन में द’ब गया था। बाद में ऊपर से एक मंदिर ब’नवा दिया गया था।

गरुड़ ने यहां क’ठिन तपस्या की थी
2. मान्यता है, गरुड़ ने यहां क’ठिन तपस्या की थी, जिसके बाद यहां शिव प्र’कट हुए थे और शिवलिंग के रूप में यहीं रह गए। होल्कर रियासत की देवी अहिल्या शिव भक्त थीं, उन्होंने 18वीं सदी में इस प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।
3. हजार साल पुराने इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां हर साल सावन में पहाड़ी जल से शिवजी का प्राकृतिक जलाभिषेक होता है।

शिवलिंग के ऊपर की तरफ बने नंदी के मुख से सावन-भादो में प्राकृतिक जल निकलता है, जो सीधे शिवलिंग पर गि’रता है और मंदिर के दरवाजे के बाहर बने अमृतकुं’ड में भर जाता है। यह सिलसिला जब मंदिर बना था तब से चल रहा है।

सोलह पीढ़ियों से मंदिर की पूजा
4. पुरी परिवार यहां सोलह पीढ़ियों से मंदिर की पूजा कर रहा है। अब सत्रहवीं पीढ़ी यह दायित्व संभालने के लिए तैयार है। यहां हर साल शिवरात्रि पर भव्य मेला लगता है। मंदिर में पांच कुंड हैं, जिनमें दो कुंडों में लोग स्नान करते हैं। इनमें हमेशा पानी रहता है। मान्यता है, इनका पानी कभी नहीं सू’खता है और पूरे गांव की प्यास इसी कुंड से बु’झती है।

नाग-नागिन भक्तों को दर्शन देते हैं
5. मंदिर में भगवान शिव के गण माना जाने वाला नाग का जोड़ा भी रहता है। कभी कुंड में तो कभी शिवालय में ये नाग-नागिन भक्तों को दर्शन देते हैं। मान्यता है, जिस भक्त को इनके दर्शन होते हैं, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
