
MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : बच्चों के विकास में सबसे बड़ा अव’रोध बाल श्रम जैसी कुरीति है। बाल श्रम के विरुद्ध हमे सामाजिक चेतना विकसित करनी होगी एवं सभी विभागों के परस्पर समन्वय से बाल श्रम प्रथा का उन्मूलन किया जा सकता है। उक्त बात जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने बाल एवं किशोर श्रम अधि’नियम 1986 एवं बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध से संबंधित जिला टास्क फो’र्स समिति की बैठक में कही।

उन्होंने कहा कि सभी विभाग/पक्षकार मिलकर कार्य करें ताकि सामाजिक गोलबंदी के लिये जरूरी वातावरण का निर्माण किया जा सके। उन्होंने श्रम अधीक्षक को निर्देश दिया कि बाल श्रम जैसी कुरी’ति के विरुद्ध जन चेतना पैदा करने के लिए सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए। उन्होंने कहा कि छोटे कस्बो, वार्डो में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करें।

बैठक में निरंतर बढ़ रहे बाल श्रम की समस्या पर गं’भीर संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द जिले को बाल श्रम से मुक्त कराने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिला को बाल श्रम से मुक्त कराने की दिशा में स’ख्त का’र्रवाई करते हुए छा’पेमारी अभि’यान चलाकर अधिक से अधिक बाल श्र’मिकों को विमु’क्त करा उन्हें शिक्षा एवं सुविधाओं से शीघ्र लाभान्वित किया जाय।

साथ ही जिला बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन आदि को सश’क्त बनाने का निर्देश दिया। श्रम अधीक्षक ने कहा कि विभाग द्वारा गठित धा’वा दल द्वारा मुक्त कराए गए बच्चों को शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। बैठक में मेयर मुजफ्फरपुर सुरेश कुमार, नगर आयुक्त मनेष कुमार मीणा, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कुंदन कुमार, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी कमल सिंह के साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।
