अपने पति की लंबी उम्र के लिए रविवार को सिंधी समाज की महिलाएं तीजड़ी व्रत (निर्जला) रखेगी। यह व्रत करवाचौथ की तरह ही रखा जाता है। दिन भर महिलाएं उपवास रखेगी। शाम को चंद्रमा को देखकर अपना उपवास खोलेगी।
सिंधी समाज का तीजड़ी व्रत कृष्ण पक्ष की तृतीय को मनाया जाता है। सिंधी समाज की महिलाएं उपवास करती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलेगी। शनिवार को व्रत रखने वाली महिलाओं ने दिन भर बाजारों में खरीदारी की, सुहाग का सामान खरीदा। हाथों में मेहंदी लगाई। वहीं पतियों ने पत्नी के लिए आकर्षक उपहार भी खरीदे।

कहा जाता है कि तीजड़ी का व्रत कृष्ण पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। इस व्रत के बारे में यह मान्यता है कि यह व्रत शादीशुदा महिलाएं जहां अपने पति के अखंड सुहाग के लिए रखती हैं, वहीं कुंवारी लड़कियां अपने होने वाले पति के लिए व्रत रखती है। पंचवटी कॉलोनी निवासी चांदनी भोजवानी ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से लगातार तीजड़ी व्रत रख रही है। यह व्रत अपने अखंड सुहाग की कामना के लिए निर्जला रखा जाता है।

वहीं युविका गिडवानी ने बताया कि व्रत को लेकर उत्साह हैं, क्योंकि मेरी शादी सिंधी समाज में हुई हैं, अभी तक मैं केवल अपने परिजनों को करवा चौथ व्रत रखते ही देखा है। व्रत के लिए तैयारी कर ली गई है। दिन भर व्रत के बाद चंद्रमा के निकलने पर अर्घ्य देकर ही व्रत खोलूंगी। अर्जुन नगर से कोमल चेतवानी ने बताया कि हमारी शादी को 31 साल हो गए हैं। मैं लगातार व्रत रख रही हूं। शाहगंज निवासी कशिश ने बताया कि शादी के 12 साल हो गए हैं पूरे परिवार के साथ निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हूं।
