भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय में हुई कई बैठकों के बाद देश का पहला वैदिक शिक्षा बोर्ड अब आकार ले चुका है। आगामी शिक्षा सत्र से यह बोर्ड देश भर में कार्य प्रारंभ कर देगा। योग गुरु बाबा रामदेव वैदिक शिक्षा बोर्ड के आजीवन अध्यक्ष रहेंगे।
भारत सरकार ने बाबा रामदेव के वैदिक शिक्षा बोर्ड को इस वर्ष के आरंभ में अनुमति प्रदान की थी। यह बोर्ड सीबीएसई की तर्ज पर देश भर में शिक्षा संस्थानों को खुद से जोड़ेगा। बोर्ड का पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है।

बोर्ड से जुड़े विद्यालयों में प्राच्य और आधुनिक शिक्षा समान रूप से दी जाएगी। बाबा रामदेव पहले ही प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा पद्धति देने के लिए आठवीं कक्षा तक के लिए आचार्यकुलम की स्थापना कर चुके हैं।
इस बोर्ड का मुख्यालय फिलहाल पतंजलि योगपीठ में चल रहा है। शीघ्र ही इस बोर्ड का कार्य संचालन देश की राजधानी दिल्ली से किया जाएगा । वैदिक शिक्षा बोर्ड देश का एकमात्र ऐसा बोर्ड होगा, जो अपने से जुड़े विद्यालयों में वेदों की शिक्षा भी देगा।
