यमुना का जलस्तर बढ़ने से आबादी में पानी घु’सने लगा है। जिसके चलते दिल्ली सीमा से सटे कई इ’लाकों में लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। फरीदाबाद की बसन्तपुर कालोनी के कई लोगों ने अरने धक खाली करने शुरू कर दिए है। प्रशासन की मुनादी के बाद यहां लोग सोमवार रात भर अपना घर खाली करने में लगे रहे। स्थानीय निवासी यासीन ने बताया कि कालोनी से काफी लोग अपना घर छोड़ चुके है।
फिलहाल किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। समय रहते प्रशासन ने लोगों को अ’लर्ट कर दिया था। गौरतलब है कि दिल्ली के बाद फरीदाबाद में सबसे पहले इसी कॉलोनी में पानी आएगा। यह यमुना के किनारे बसी है। इसमें करीब 20 हजार लोग रह रहे हैं।

इससे पहले सोमवार की शाम यमुना खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुकी थी, जो कि अब भी जारी है। हथिनीकुंड बैराज से रविवार को छोड़े गए पानी की वजह से दिल्ली में चार दशक की सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यमुना के किनारे रह रहे 24 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्देश जारी किया था।

बा’ढ़ से प्र’भावित लोगों के लिए दिल्ली सरकार ने 2100 से ज्यादा अस्थायी टेंटों की व्यवस्था की है। एहतियातन पुराने लोहे के पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। केंद्रीय जल आयोग ने कहा है कि दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक है। इसे लेकर सभी संबंधित विभाग अ’लर्ट पर हैं।

पुरानी दिल्ली की बात करें तो यहां सोमवार को रेलवे ब्रिज पर जल स्तर 205.20 मीटर पर था। यह ख’तरे के निशान के काफी करीब था। ख’तरे का निशान 205.33 मीटर पर है। जल आयोग के मुताबिक आज मंगलवार की रात तक इसके खतरे के निशान से ऊपर जाने की आशंका है।
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